विविधताओं से भरा, संस्कृति का धनी,
अर्थव्यवस्था की जननी हमारे देश की भूमि,
बहती धारा गंगा मां पूजनीय जो कहलाती,
माटी की खुशबू लाती खींच हमें यहां,
चाहे घूम आए सारा जहां पर मिलता सुकून यहां,
यह देश हमे प्राणो से भी प्यारा है,
बलिदान हुए यहां भारत मां के कितने लाल है,
उनके समर्पण त्याग और बलिदान को मेरा नमन है,
आजादी के खातिर न जाने कितना संघर्ष सहा,
फिर भी न रूके चलते रहे अपने पथ पर,
और दिलाई भारत को गुलामी से आजादी,
सोने की चिड़िया कहलाता हमारा भारत था,
लूट ले गए अंग्रेज सब यहां से,
फिर भी भारत की कीर्ति आज भी विघमान है,
क्योंकि यहां बसते भारत मां के लाल हैं,
जिनका जीवन भारत माता को ही समर्पण है,
है नमन उन वीरों की शौर्यता और वीरता को,
भारत के प्रति उनकी देशभक्ति को।