ईश्वर के प्रति आपका श्रद्धा का भाव आपकी उनके प्रति अटूट आस्था का प्रतीक है... ईश्वर सर्वशक्तिमान है वह आपके चढ़ावे धन दौलत का भूखा नहीं वो तो आपके मन में उन ईश्वर के प्रति कितनी अटूट आस्था है बस उसका भूखा है,
पर आधुनिक मानसिकता से ग्रस्त लोगों ने आस्था का संबंध अंधविश्वास से जोड़ उन लोगों की भक्ति का मजाक उड़ाया है,
अंधविश्वास अर्थात अंधा विश्वास जिसने जो कहा वो मान लिया, खुद की मानसिकता का प्रयोग न कर किसी के बहकावे में आकर कार्य करना अंधविश्वास कहलाता है जैसे कि जो व्यक्ति जादू टोना बाबा सिद्ध पुरूषों के बहकावे में कार्य करता है वो अंधविश्वासी है...,
व्यक्ति की आस्था उसके द्वारा ईश्वर के प्रति अटूट निष्ठा है क्योंकि ईश्वर तो सर्वत्र विराजमान हैं पर हम उनको मंदिर देवालयों में खोजते हैं क्योंकि हमारा उनके ऊपर अटूट विश्वास है वो हमारी भक्ति का फल हमें अवश्य देंगे,
लेकिन कुछ लोगों ने व्यक्ति की आस्था को अंधविश्वास का नाम दे दिया और उनके द्वारा अपना कार्य सिद्ध करने में लगे हुए हैं इसलिए आप ईश्वर के प्रति आस्था रखे उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखें पर किसी जादू टोने टोटके में विश्वास न करें,
क्योंकि आस्था व्यक्ति की भक्ति से उत्पन्न होती है और अंधविश्वास व्यक्ति की गंदी सोच से उत्पन्न एक फरेब है, जिसमें उलझा इंसान कभी भी अपना विकास नहीं कर पाता है।