राजस्थान के हरीश जाटव मॉब लिचिंग मामले में हरीश के पिता रत्तीराम जाटव ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है. परिजनों का आरोप है कि मामले में न्याय नहीं मिलने के कारण रत्तीराम जाटव ने ये कदम उठाया. दरअसल राजस्थान के अलवर के भिवाड़ी के झिवाना गांव निवासी हरीश जाटव की मॉब लीचिंग में मौत हो गई थी. घटना 17 जुला
शब्दों की कमी भाव को समझ जाइए । जय हिंद आत्मन: शांति भवति: भारत माँ की गोद में ॐ शांति शांति शांति !
बीतें कुछ महीनों में देश की समरसिता व गंगा-जमुना तहज़ीव में कुछ चक्रवात उपस्तिथ हुए हैं । ये चक्रवात भिन्न-भिन्न छेत्र के महान धर्मनिर्पेक्ष-सेक्युलर-संविधानिक ब्रिटिश-इंडो इण्डियन द्वारा संचालित व प्रसारित कियें गये हैं। वर्तमान मीडिया संस्थानो ने इन चक्रवातों का नाम
हर 5 साल बाद भारत में एक चुनावी लहर आती है, जैसे ही लोकसभा चुनावों का बिगुल बजता है।चारों ओर बस चुनावी माहौल गरमाया हुआ होता है। चुनाव आते ही सभी नेता अपने-अपने पार्टियों के साथ जनता के पास पहुंच जाते हैं
2019 लोकसभा चुनावों को लेकर सारी पार्टियां अपने जीत की जद्दोज़हद में लग गए हैं। इस बार पूरा विपक्ष एक होता दिख रहा है वहीं मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। लेकिन एक कहावत है कि जंगल में एक ही शेर होता है और भाजपा इस वाक्य को सही साबित करने में लगी हुई है। इसी के चलते अभी बाकि पार्टियां
मध्य प्रदेश में सियासत का रंग बदले हुए हम सब ने देखा है पिछले 15 सालों से मध्य प्रदेश के तख़्त पर बैठी भारतीय जनता पार्टी को अपना तख़्त छोड़ना पड़ा और इसी के साथ कांग्रेस का वनवास ख़त्म हो गया। वहीँ सत्ता बदलने के बाद जहां लोगों में आशा की नई उम्मीद जाएगी है तो कांग्रेस पर भी बड़ी ज़िम्मेदारी भी आन पढ़ी है।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर विपक्ष लामबंद हो रहा है । प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने 10 सितंबर को भारत बंद का आह्वाहन किया है जिसका असर दिखना शुरू हो गया है । देश भर के बाजारों में बंद का मिला जुला असर देखने को मिल रहा है । कांग्रेस के भारत बंद में कई दूसरी राजनीतिक पार
भारतीय जनता पार्टी में अहम भूमिका निभाने वाले मुख्तार अब्बास नकवी यूं तो पार्टी से लेकर मोदी सरकार के अहम फैसलों पर बड़ी भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही वे फिलहाल मोदी कैबिनेट मंत्री का हिस्सा है। हिंदूवादी पार्टी के नाम से पहचानी जानी वाली भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना र
हेमा मालिनी हिन्दी फ़िल्मजगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। इन्होंने अपने फ़िल्म कैरियर की शुरुआत राज कपूर के साथ फ़िल्म सपनों का सौदागर से की। 1981 में इन्होंने अभिनेता धर्मेन्द्र से विवाह किया। ये अब भी फ़िल्मों में सक्रिय हैं। इसके साथ ही हेमा मालिनी भारतीय जनता पार्ट
नीलम सोनकर का जन्म 11 फरवरी 1973 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ था। नीलम सोनकर ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी से मास्टर्स इन आर्ट्स (एमए) पूरा किया है। उन्होंने 10 दिसंबर, 1993 को श्री राजेंद्र प्रसाद से शादी की।श्रीमती नीलम सोनकर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आज़मगढ़ के एक मुखर ज्ञानी राजनीतिज्ञ हैं। व
नागेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और खजुराहो (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से भारतीय आम चुनाव, 2014 जीते हैं। नागेंद्र सिंह संसद सदस्य बनने से पहले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री थे।नागेंद्र सिंह का जन्म 2 मार्च 1943 को हुआ था। इनका जन्म महाराजा महेंद्र सिंह और महारानी श्याम कुमारी के पुत्र क
किसी जमाने एक कहावत हुआ करती थी, नेकी कर दरिया में डाल। कहावत तो आज के समय में भी खूब चलती है, लेकिन अब मानो इससे कोई इत्तेफाक नहीं रखता। और जमाने ने इसे तोड़ मरोड़कर कुछ ऐसा बना दिया है, कि नेकी कर बड़े बड़े बैनर पोस्टर छपवा और शहर के मैन चौराहे पर लगवा दे। क्योंकि जब तु
कहते हैं जो बाजी हारकर जीत जाए, वही सिकंदर कहलाता है. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की सत्ता पर विराजमान समाजवादी पार्टी में जो कलह खुलकर सड़कों पर सामने आयी, उसने इस पार्टी के सामने विपक्ष की चुनौतियों के अतिरिक्त नयी चुनौतियां भी पैदा कर डाला. अगर आप राजनीति के इतिहास को देखें तो इस तरह के आपसी विवाद, ल
आज हम सब जानते है की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया में कितने चर्चित है जब वो दूसरे देशो में जाकर भाषण देते है तो सेकड़ो लोगो उनको सुनने के लिए जमा हो जाते है | जब उन्होंने अमेरिका विधानसभा में कांग्रेस को सम्भोधित किया तो उनके भाषण पर 40 से भी ज्यादा बार तालिया एवं 9 बार स्टैंडिंग ओवेशन मि
पति के 'गालीकांड' के बाद मायावती से मोर्चा लेकर सुर्खियों में आईं पत्नी स्वाति सिंह को भाजपा टिकट नहीं देगी। खुद प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या ने यह दावा किया है। नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर 15 दिन से उछल रहे स्वाति समर्थकों के लिए बुरी खबर है। बेटी के सम्मान में बसपा के खिलाफ लड़ाई छेड़कर सुर्खियों मे
... लपक कर बसपा कार्यकर्त्ता इस पर बड़ी रैली और प्रदर्शन करने में जुट गए हैं. बहुजन समाज पार्टी इस बात के लिए जी-जान लगा देगी कि दलित-वर्ग का हर व्यक्ति इस बात को चुनाव तक याद रखे कि मायावती का अपमान किसी फॉरवर्ड भाजपाई ने किया है. बसपा के इस चौकन्नेपन से लड़ाई में उसके सबसे आगे रहने की सम्भावना बेहद
मिशन-2017 के लिए सभी सियासी दलों की नजरें यूपी की सत्ता पर हैं। पर जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है बगावत के सुर भी बढ़ते ही जा रहे हैं। हाल में बसपा के बागियों ने माया के साथ छोड़ा। अब भाजपा में भी बगावत के सुर दिखने लगे हैं। दरअसल, भाजपा सांसद व राज्यसभा सदस्य नवजोत सिंह 'सिद्धु' ने पार्टी से किनारा