पति के 'गालीकांड' के बाद मायावती से मोर्चा लेकर सुर्खियों में आईं पत्नी स्वाति सिंह को भाजपा टिकट नहीं देगी। खुद प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या ने यह दावा किया है।
नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर 15 दिन से उछल रहे स्वाति समर्थकों के लिए बुरी खबर है।
बेटी के सम्मान में बसपा के खिलाफ लड़ाई छेड़कर सुर्खियों में आई यूपी में भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह को भाजपा से टिकट नहीं मिलने वाला। खुद भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने यह बात कही है।
भाजपा दयाशंकर के परिवार के साथ मगर, टिकट नहीं
नोएडा के सेक्टर 62 में पार्टी के प्रशिक्षण शिविर में केशव प्रसाद मौर्य ने साफ कहा कि, पार्टी इस समय दयाशंकर के परिवार के साथ खड़ी है। दयाशंकर ने अमर्यादित बयान जरूर बसपा मुखिया मायावती पर दिया, मगर बसपा की ओर से गैरकानूनी तरीके से जवाब दिया गया। लखनऊ के चौराहे पर बेटी-पत्नी को संबोधित कर गलत नारे लगाए गए। चूंकि दयाशंकर गिरफ्तार हो गए तो अब प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले बसपा नेता नसीमुद्दीन की गिरफ्तारी की भी भाजपा मांग करती है। स्वाति सिंह के टिकट के सवाल पर मौर्या ने साफ मना कर दिया। कहा कि भाजपा टिकट नहीं देगी।
दलित वोट बैंक में सेंधमारी का खेल बिगड़ने की है भाजपा को आशंका माना जा रहा है कि इस बार भाजपा यूपी में दलितों का वोट भी पाने की जुगत में लगी है। बिहार के बड़े दलित नेता रामविलास पासवान और पार्टी सांसद उदितराज , आगरा सांसद रमाशंकर कठेरिया जैसे चेहरों की बदौलत पार्टी को दलितों के बीच जाना है। ऐसे में पार्टी को आशंका है कि स्वाति को टिकट देने से दलित नाराज होंगे, जिससे बसपा के वोटबैंक में सेंधमारी नहीं हो सकेगी। ऐ
सीएम का दावेदार तक बता दिए थे अंध समर्थक
केशव के इस बयान ने फिर से यूपी की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। कहां जरा सी चर्चा मिलने पर स्वाति को उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया था, हाल यह है कि उन्हें विधायकी की टिकट भी नहीं मिलेगा।
क्या है दयाशंकर-मायावती का गाली विवाद
दरअसल बीते दिनों भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने बसपा मुखिया मायावती को वेश्या करार दिया था। कहा था कि वह करोड़ों में टिकट बेचतीं हैं। इस पर प्रदेश में बवाल मच गया। मायावती ने संसद में मामला उठाया तो भाजपा ने दयाशंकर को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। इसके बावजूद बसपा ने गाली देने के अगले दिन हजरतगंज चौराहे पर प्रदर्शन किया। इस दौरान दयाशंकर की पत्नी और बहू को संबोधित कर अभद्र नारे लगाए गए। बेटी को पेश करने के नारे लगाए। जिस पर स्वाति सिंह ने टीवी चैनलों के कैमरों के सामने कहा, कि महिला सम्मान की लड़ाई लड़ने वाले बसपाई बताएं, कहां बेटी को पेश करूं। स्वाति सिंह का यह करारा जवाब हिट रहा। मेनस्ट्रीम से लेकर सोशल मीडिया में जमकर सुर्खियां मिलीं।
भाजपा नहीं देना चाहती आरोप-प्रत्यारोप का मौका
पति के गलत बोल के बाद जिस तरह से स्वाति सिंह ने टीवी चैनलों पर जवाब में बेटी को बसपाइयों की ओर से निशाना बनाए जाने पर मोर्चा खोला उससे वे भाजपा समर्थकों में हिट हो गईं। फेसबुक आदि सोशल साइट्स पर कुछ समय तक स्वाति...स्वाति का नाम ही गूंजता रहा। अटकलें लगने लगीं कि 25 साल से पार्टी से जुड़े दयाशंकर को मजबूरी में भाजपा ने निकाल दिया है तो क्षतिपूर्ति के लिए स्वाति को टिकट मिल सकता है। क्योंकि स्वाति की सवर्ण समाज में काफी लोकप्रियता भी बढ़ गई है। मगर भाजपा जानती है कि यह केवल क्षणिक लोकप्रियता है। स्वाति को अगर टिकट मिलेगा तो भाजपा ने उनके पति को जो संदेश देने के लिए निकाला उस पर पानी फिर जाएगा। दयाशंकर पर एक्शन दिखावा साबित होगा। ऐसे में माना जा रहा कि इसी कारण से भाजपा ने स्वाति सिंह को टिकट न देने का फैसला किया है। क्या है
स्वाति सिंह के समर्थकों को बड़ा झटका, भाजपा नहीं लड़ाएगी चुनाव