जाती या मानसिकता © Vimal Kishore; September 2020 जाति या मानसिकता ? सबसे पहले तो मैं ये साफ कर देना चाहता हूँ कि इस लेखको पढ़ने से पहले जातिगत मानसिकता, वर्गीय विचारधारा या कोई भी जातिसूचक शब्द, अपने मस्तिष्क से अलग निकाल कर रखदें, क्योंकि मेरा इस लेख को लिखने काअभिप्रयाय ही इस भावना से प्रेरित है क
अक्सर में लोगों को ये कहते सुनताहूँ कि महिलाओं या लड़कियों को लड़कों के समान आज़ादी मिलनी चाहिए। शायद आप भी इस बात से हामी भरते होंगे, पर मैं नहीं। क्योंकि हम लड़कों के लिए जिस आज़ादी शब्द का प्रयोग करते हैं। असल में वो
मोदी जी अब हमे एक ही वचन चाहिये अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये... ना कोई दलित ना कोई बनिया ना ही ब्राह्मण सारी जातिगत भेदभाव को मिटाईये अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये... शिक्षा पर सभी का समान हक होना चाहिये सामान्य भरे 500 तो अन्य के 100 नही होने चाहिये अब उ