बुन्देली कहावतें
१. अबे मुड़ कटो हो रऔ, धरम राज कबे आंहे।
अर्थ– जरूरत के वक्त किसी काम का न होना।
२. लुगाओं के मों में मूत नैं खटाउत।
अर्थ– महिलाओं का किसी बात का गुप्त न रख पाना।
३. पांवनो से सांप पकराऔत।
अर्थ– अनभिज्ञ से काम करवाना।
४. घूरे के दिना सोई फिरत हैं।
अर्थ– सब समय एक सा नहीं होता।
५. मरे पे पत्त दऔ।
अर्थ– वक्त पर काम न आना।
६. ठेला बड़ो के उठेला।
अर्थ– किसी बात को जबरन मनवाना।
७. फिरी को चंदन, घिस मोरे नंदन।
अर्थ– मुफ्त की वस्तु का भरपूर इस्तेमाल।
८. घर घूरो हो गऔ।
अर्थ– सब कुछ नष्ट हो जाना।
९. जनाउरों खों नोन देत।
अर्थ– मूर्ख को ज्ञान देना।
१०. नई पिसनारी, भोतई बारीक छन्ना।
अर्थ– नवसीखा से काम करवाना।