बुन्देली कहावतें
११. बेरा मुंश घर में घुंस, कछु केत कछु सुन्त।
अर्थ– बहरे व्यक्ति से कुछ कहो तो कुछ सुनता है।
१२. फटो पजामा, जय सिया रामा।
अर्थ– तंगी में समय गुजारना।
१३. तुर्त मार, झोली में डार।
अर्थ– अभी का काम अभी करना।
१४. कांख में लरका, गांव में टेर।
अर्थ– घर की वस्तु बाहर ढूंढना।
१५. भरी गाड़ी में सूपा भारी नई होत।
अर्थ– ज्यादा वजन में छोटा सा टुकड़ा भारी नही होता।
१६. पत्ता पे कुलाट लेत।
अर्थ– वायदे से मुकर जाना।
१७. घरई के कुरवा से आंख फूटत है।
अर्थ– विश्वासी से धोखा मिलना।
१८. मोईरी बिलईज्जा मोई से मिआऊं।
अर्थ– एहसान न मानना।
१९. जाने ने साने गींज केँ ने खांय, ऊपर खों मो करें मई
खां चिल्लाएं।
अर्थ– किसी बात को बिना समझे चिल्लाना।
२०. हगें रहें होम खां मारे जाएं।
अर्थ– अयोग्य का किसी काम को करने की जिद करना।