सुधा और उसके होने वाले पति जब एकांत में बैठे थे तो कुछ देर की खामोशी के बाद आखिर उनके होने वाले पति नरेश ने कहा:- तुम शादी के लिए तैयार हो....!!! कोई जबरदस्ती तो नहीं हैं ना...!!!
सुधा अपनी गर्दन झुका कर बैठी थी उसने धीरे से हां में अपनी गर्दन हिलाई....।।
फिर कुछ देर बाद नरेश बोला... :- मैं शादी से पहले कुछ बोलना चाहता हूँ.... उसके बाद तुम सोच कर जवाब देना.... तुम्हें क्या करना हैं.... तुमसे पहले मेरी जिंदगी में एक ओर लड़की के साथ मेरा रिश्ता तय हुआ था..... वो लड़की मुझे बहुत पसंद थी.. लेकिन मेरी बहन को बात समझ नहीं आई.... इसलिए हमने मना कर दिया..... कहने का मतलब ये हैं कि मैं अपने परिवार से बहुत प्यार करता हूँ.... मैं कभी भी उनके खिलाफ नहीं जाऊंगा.... और अगर तुम कभी गई या उनके खिलाफ कुछ कहा भी तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा.... अब तुम सोच लो....।।।।
ऐसा कहकर नरेश कमरे से बाहर आ गया...।।।। सुधा कुछ देर बैठी वही सोचती रही....।।।। थोड़ी देर बाद उसकी माँ भीतर आई और बोलीं:- क्या हुआ.... बात की.... सब ठीक हैं ना.... रिश्ता पक्का पर दे...!!!
सुधा ने अपनी माँ की आंखों में देखा और मन में बस उनके बारे में ही सोच कर उसने हां कर दी...।।।।।।
छह महीने बाद बड़े ही धूमधाम से सुधा की शादी हुई..... उसके ससुराल वाले बहुत पैसे वाले थे इसलिए शादी बहुत ही शाही तरीके से की गई थी...।।।।
कहते हैं पहली रात हर लड़की और लड़के के लिए बहुत खास होती हैं.... सुधा भी आंखों में हजारों सपने लिए अपने कमरे में दूल्हन का जोड़ा पहनकर नरेश का इंतजार कर रही थी....।।।
सुधा वैसे तो साधारण तरीके से ही रहती थी पर आज दूल्हन के लिबास में और मेकअप की वजह से बहुत ही खुबसूरत लग रही थी....।।।।।।
इंतजार करते करते रात के दो बज गए.... लेकिन कमरे में कोई नहीं आया.... अब सुधा भी बैठे बैठे थक चुकी थी इसलिए वो बेड पर लेट गई.... बार बार बस घड़ी की सुइयों की ओर देखे जा रही थी.... लेकिन इंतजार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था... दो से तीन.... तीन से चार... और चार से पांच बजे गए.... सुधा कभी खिड़की पर... कभी बालकनी में... कभी बेड पर.... पुरे कमरे में बस आस लगाए घुमे जा रही थी.... आखिर कार साढ़े पांच बजे नरेश भीतर आया... पुरी तरहा से नशे में डुबा हुआ...।।।
नरेश:- अरे तुम अभी तक सोई नहीं... !!!!
सुधा:- आपने शराब पी हैं...??? आप पीते भी हैं...!!! आपने बताया नहीं मुझे पहले...!!
नरेश:- अरे रोज थोड़ी पीता हूँ वो तो आज रिश्तेदारों ने दोस्तों ने पिला दी.... वैसे सुहागरात तो खत्म हो गई.... सुहाग सुबह ही मना लेते हैं....।।।
ऐसा कहकर नरेश सुधा के करीब आया.... मगर सुधा ने रोककर कहा... :- मुझे शराब पीने वालों से सख्त नफरत हैं.... मुझसे शराब की स्मेल भी बर्दाश्त नहीं होती हैं... प्लीज आप कल होश में आने के बाद कर लिजिएगा.... अभी नहीं.... और वैसे भी अभी कुछ देर में सुबह भी होने वाली हैं...।।।।
लेकिन नरेश कहा सुनने और मानने वाला था....।।।।।। उसने वो सब किया जो वो चाहता था.... चाहे उसे सामने से वो अहसास मिले या ना मिले.... कोई फर्क नहीं पड़ता था.... तकरीबन एक घंटे बाद अपनी मनमानी करने के बाद नरेश सो गया.... लेकिन सुधा की आंखों में सिर्फ आंसू थें.... वो उठी और नहाने चली गई....।।।।।
कुछ दिन घर में मेहमान होने की वजह से सब कुछ सुधा के साथ सही से चल रहा था..... उसकी सास और ननद बहुत ही प्यार से पेश आते थे....।।।
लेकिन आगे जो होने वाला था उससे सुधा पुरी तरह से अनजान थी....।।।
क्या होता हैं आगे... देखते हैं कल के लेख में...... जरूर पढ़िएगा...।।।।
जय श्री राम..... 🙏