shabd-logo

चार मूर्ख पंडित

19 जनवरी 2022

30 बार देखा गया 30

एक स्थान पर चार ब्राह्मण रहते थे । चारों विद्याभ्यास के लिये कान्यकुब्ज गये । निरन्तर १२ वर्ष तक विद्या पढ़ने के बाद वे सम्पूर्ण शास्त्रों के पारंगत विद्वान् हो गये, किन्तु व्यवहार-बुद्धि से चारों खाली थे । विद्याभ्यास के बाद चारों स्वदेश के लिये लौट पड़े । कुछ़ देर चलने के बाद रास्ता दो ओर फटता था । ’किस मार्ग से जाना चाहिये,’ इसका कोई भी निश्चय न करने पर वे वहीं बैठ गये । इसी समय वहां से एक मृत वैश्य बालक की अर्थी निकली ।
अर्थी के साथ बहुत से महाजन भी थे । 'महाजन' नाम से उनमें से एक को कुछ़ याद आ गया । उसने पुस्तक के पन्ने पलटकर देखा तो लिखा था - "महाजनो येन गतः स पन्थाः"
अर्थात् जिस मार्ग से महाजन जाये, वही मार्ग है । पुस्तक में लिखे को ब्रह्म-वाक्य मानने वाले चारों पंडित महाजनों के पीछे़-पीछे़ श्‍मशान की ओर चल पड़े ।
थोड़ी दूर पर श्‍मशान में उन्होंने एक गधे को खड़ा हुआ देखा । गधे को देखते ही उन्हें शास्त्र की यह बात याद आ गई "राजद्वारे श्‍मशाने च यस्तिष्ठ्ति स बान्धवः"- अर्थात् राजद्वार और श्‍मशान में जो खड़ा हो, वह भाई होता है । फिर क्या था, चारों ने उस श्‍मशान में खड़े गधे को भाई बना लिया । कोई उसके गले से लिपट गया, तो कोई उसके पैर धोने लगा ।
इतने में एक ऊँट उधर से गुज़रा । उसे देखकर सब विचार में पड़ गये कि यह कौन है । १२ वर्ष तक विद्यालय की चारदीवारी में रहते हुए उन्हें पुस्तकों के अतिरिक्त संसार की किसी वस्तु का ज्ञान नहीं था । ऊँट को वेग से भागते हुए देखकर उनमें से एक को पुस्तक में लिखा यह वाक्य याद आ गया- "धर्मस्य त्वरिता गतिः"- अर्थात् धर्म की गति में बड़ा वेग होता है । उन्हें निश्चय हो गया कि वेग से जाने वाली यह वस्तु अवश्य धर्म है । उसी समय उनमें से एक को याद आया- "इष्टं धर्मेण योजयेत् " --अर्थात् धर्म का संयोग इष्ट से करादे । उनकी समझ में इष्ट बान्धव था गधा और ऊँट या धर्म; दोनों का संयोग कराना उन्होंने शास्त्रोक्त मान लिया । बस, खींचखांच कर उन्होंने ऊँट के गले में गधा बाँध दिया । वह गधा एक धोबी का था । उसे पता लगा तो वह भागा हुआ आया । उसे अपनी ओर आता देखकर चारों शास्त्र-पारंगत पंडित वहाँ से भाग खडे़ हुए ।
थोड़ी दूर पर एक नदी थी । नदी में पलाश का एक पत्ता तैरता हुआ आ रहा था । इसे देखते ही उनमें से एक को याद आ गया- "आगमिष्यति यत्पत्रं तदस्मांस्तारयिष्यति" अर्थात् जो पत्ता तैरता हुआ आयगा, वही हमारा उद्धार करेगा । उद्धार की इच्छा से वह मूर्ख पंडित पत्ते पर लेट गया । पत्ता पानी में डूब गया तो वह भी डूबने लगा ।
केवल उसकी शिक्षा पानी से बाहिर रह गई । इसी तरह बहते-बहते जब वह दूसरे मूर्ख पंडित के पास पहुँचा तो उसे एक और शास्त्रोक्त वाक्य याद आ गया- "सर्वनाशे समुत्पन्ने अर्धं त्यजति पंडितः"- -अर्थात् सम्पूर्ण का नाश होते देखकर आधे को बचाले और आधे का त्याग कर दे । यह याद आते ही उसने बहते हुए पूरे आदमी का आधा भाग बचाने के लिये उसकी शिखा पकड़कर गरदन काट दी । उसके हाथ में केवल सिर का हिस्सा आ गया । देह पानी में बह गई ।
उन चार के अब तीन रह गये । गाँव पहुँचने पर तीनों को अलग-अलग घरों में ठहराया गया । वहां उन्हें जब भोजन दिया गया तो एक ने सेमियों को यह कहकर छो़ड़ दिया - -"दीर्घसूत्री विनश्यति"- -अर्थात् दीर्घ तन्तु वाली वस्तु नष्ट हो जाती है । दूसरे को रोटियां दी गईं तो उसे याद आ गया- -"अतिविस्तारविस्तीर्णं तद्भवेन्न चिरायुषम् " अर्थात् बहुत फैली हुई वस्तु आयु को घटाती है । तीसरे को छिद्र वाली वटिका दी गयी तो उसे याद आ गया- ’छिद्रेष्वनर्था बहुली भवन्ति’- -अर्थात् छिद्र वाली वस्तु में बहुत अनर्थ होते हैं । परिणाम यह हुआ कि तीनों की जगहँसाई हुई और तीनों भूखे भी रहे ।

सीख : व्यवहार-बुद्धि के बिना पंडित भी मूर्ख ही रहते हैं । व्यवहारबुद्धि भी एक ही होती है । सैंकड़ों बुद्धियाँ रखने वाला सदा डांवाडोल रहता है । 

पंडित विष्णु शर्मा (पंचतंत्र की कहानियाँ) की अन्य किताबें

निःशुल्कसम्पूर्ण  पंचतंत्र  भाग  5  - shabd.in

सम्पूर्ण पंचतंत्र भाग 5

अभी पढ़ें
निःशुल्कसम्पूर्ण  पंचतंत्र   भाग  4  - shabd.in

सम्पूर्ण पंचतंत्र भाग 4

अभी पढ़ें
निःशुल्कसम्पूर्ण पंचतंत्र  भाग  3  - shabd.in

सम्पूर्ण पंचतंत्र भाग 3

अभी पढ़ें
निःशुल्कसम्पूर्ण पंचतंत्र   भाग  2  - shabd.in

सम्पूर्ण पंचतंत्र भाग 2

अभी पढ़ें
निःशुल्कसम्पूर्ण  पंचतंत्र  भाग  1  - shabd.in

सम्पूर्ण पंचतंत्र भाग 1

अभी पढ़ें
विशेषज्ञ पब्लिशिंग पैकेज

अन्य बाल साहित्य की किताबें

निःशुल्कमित्र - shabd.in
Neeraj Agarwal
निःशुल्कहेलो रोल्ड  - shabd.in
Ratnajit Swain

हेलो रोल्ड

अभी पढ़ें
निःशुल्कTEST BOOK - shabd.in
Ratnajit Swain
निःशुल्क🐒🦅🦚जंगल की पंचायत 🐅🐘🐊 - shabd.in
Deepak Singh (Deepu)

🐒🦅🦚जंगल की पंचायत 🐅🐘🐊

अभी पढ़ें
₹ 335/-Ismat Chugtai Ke Do Novel - shabd.in
Ismat Chughtai

Ismat Chugtai Ke Do Novel

अभी पढ़ें
₹ 175/-Titli ki Seekh (21 Prerak Baal Kahaniyan): तितली की सीख (21 ... 1;ानियां) - shabd.in
Girish Pankaj

Titli ki Seekh (21 Prerak Baal Kahaniyan): तितली की सीख (21 ... 1;ानियां)

अभी पढ़ें
₹ 150/-21 Shreshth Balman ki Kahaniyan : Chandigarh (21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां : चंडीगढ़): Chandigarh (21 श्रेष्ठ ... चंडीगढ़) - shabd.in
Sangeeta Rai

21 Shreshth Balman ki Kahaniyan : Chandigarh (21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां : चंडीगढ़): Chandigarh (21 श्रेष्ठ ... चंडीगढ़)

अभी पढ़ें
₹ 150/-21 Shreshth Balman ki Kahaniyan : Chhattisgarh (21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां : छत्तीसगढ़): Chhatisgarh (21 ... 0;्तीसगढ़) - shabd.in
Govind Pal

21 Shreshth Balman ki Kahaniyan : Chhattisgarh (21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां : छत्तीसगढ़): Chhatisgarh (21 ... 0;्तीसगढ़)

अभी पढ़ें
₹ 150/-21 Shreshth Balman ki Kahaniyan : Jharkhand (21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां : झारखण्ड): Jharkhand (21 श्रेष्ठ ... 3;ारखण्ड) - shabd.in
Kavita Vikas

21 Shreshth Balman ki Kahaniyan : Jharkhand (21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां : झारखण्ड): Jharkhand (21 श्रेष्ठ ... 3;ारखण्ड)

अभी पढ़ें
₹ 150/-21 Shreshth Lok Kathayein : Uttarakhand (21 श्रेष्ठ लोक कथाएं : उत्तराखंड): Uttarakhand (21 श्रेष्ठ ... 1;तराखंड) - shabd.in
Nirmala Dhaila Bora

21 Shreshth Lok Kathayein : Uttarakhand (21 श्रेष्ठ लोक कथाएं : उत्तराखंड): Uttarakhand (21 श्रेष्ठ ... 1;तराखंड)

अभी पढ़ें
पंचतंत्र नीति, कथा और कहानियों का संग्रह है जिसके मशहूर भारतीय रचयिता आचार्य विष्णु शर्मा है। पंचतंत्र की कहानी में बच्चों के साथ-साथ बड़े भी रुचि लेते हैं। पंचतंत्र की कहानी के पीछे कोई ना कोई शिक्षा या मूल छिपा होता है जो हमें सीख देती है। पंचतंत्र की कहानी बच्चे बड़ी चाव से पढ़ते हैं तथा सीख लेते हैं। बच्चों के कोमल मन में बातों को गहराई तक पहुंचाने का तरीका कहानियों से बेहतर और क्या हो सकता है। खासकर, पंचतंत्र की कहानियां, जिसमें बेहतर सीख, संस्कार व जीवन में अच्छी चीजों की ओर बढ़ने की प्रेरणा मौजूद होती है। पांच भागों में बंटी पंचतंत्र की कहानियां ही हैं, जो दोस्ती की अहमियत, व्यवहारिकता व नेतृत्व जैसी अहम बातों को सरल और आसान शब्दों में बच्चों तक पहुंचा कर उन पर गहरी छाप छोड़ जाती हैं। शायद यही वजह है कि अक्सर बचपन में सुनी कहानियां और उनकी सीख जीवन के अहम पड़ाव में मार्ग दर्शक के रूप में भी काम कर जाती हैं। हम कौआ-उल्लू के बीच का बैर, दोस्ती-दुश्मनी, दोस्तों के होने का लाभ, कर्म न करने से होने वाली हानि, हड़बड़ी में कदम उठाने से होने वाले नुकसान जैसी कई पंचतंत्र की कहानियां आप तक इस प्लेटफॉर्म के जरिए लेकर आ रहे हैं।
1

हमेशा सोच समझ कर काम करो

19 जनवरी 2022

1
1
1

हमेशा सोच समझ कर काम करो

19 जनवरी 2022
1
1
2

ब्राह्मणी और नेवला

19 जनवरी 2022

0
0
2

ब्राह्मणी और नेवला

19 जनवरी 2022
0
0
3

मस्तक पर चक्र

19 जनवरी 2022

0
0
3

मस्तक पर चक्र

19 जनवरी 2022
0
0
4

जब शेर जी उठा/मूर्ख वैज्ञानिक

19 जनवरी 2022

0
0
4

जब शेर जी उठा/मूर्ख वैज्ञानिक

19 जनवरी 2022
0
0
5

चार मूर्ख पंडित

19 जनवरी 2022

0
0
5

चार मूर्ख पंडित

19 जनवरी 2022
0
0
6

दो मछलियाँ और एक मेंढक

19 जनवरी 2022

0
0
6

दो मछलियाँ और एक मेंढक

19 जनवरी 2022
0
0
7

संगीतमय गधा

19 जनवरी 2022

0
0
7

संगीतमय गधा

19 जनवरी 2022
0
0
8

दो सिर वाला जुलाहा

19 जनवरी 2022

0
0
8

दो सिर वाला जुलाहा

19 जनवरी 2022
0
0
9

ब्राह्मण का सपना

19 जनवरी 2022

0
0
9

ब्राह्मण का सपना

19 जनवरी 2022
0
0
10

वानरराज का बदला

19 जनवरी 2022

0
0
10

वानरराज का बदला

19 जनवरी 2022
0
0
11

राक्षस का भय

19 जनवरी 2022

0
0
11

राक्षस का भय

19 जनवरी 2022
0
0
12

अंधा, कुबड़ा और त्रिस्तनी

19 जनवरी 2022

0
0
12

अंधा, कुबड़ा और त्रिस्तनी

19 जनवरी 2022
0
0
13

दो सिर वाला पक्षी

19 जनवरी 2022

0
0
13

दो सिर वाला पक्षी

19 जनवरी 2022
0
0
14

ब्राह्मण-कर्कटक

19 जनवरी 2022

0
0
14

ब्राह्मण-कर्कटक

19 जनवरी 2022
0
0
---