खुदा के दर पे फकीरो की दुआ मिलती है '
चंद सिक्को के एवज में जो दुआ बिकती है ''
ऐसी दुआवो के खरीदार भी तो होते है '
अपनी जी दुश्वारियों के लाचार होते है ''
जिनको कुदरत ने खुदाबंद बनाया है '
उन् फकीरो की बंदगी में खुद ही झुकते है''
लेखन - भगवान