एक बार
फिर....*
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*एक बार फिर* जानी -
नश्वर जीवन
की नश्वरता !
रिश्ते सारे
बनावटी लगते,
कब कौन जाये, क्या पता ?
*एक बार फिर* याद आया ....
हमको भी
जाना एक दिन !
सीखना भी, सिखाना भी है....
जीना सबको
एक दूजे बिन !
*एक बार फिर* लगा
संसार ये
बेगाना सा.....
मोहभंग हुआ
ज्यों,
कोई भी न
लगे अब अपना सा !!!
- *आशा 'क्षमा'*