मिली हमे
आजादी मगर
योजना हमारी
न हुई सफल।
सपना महान
भारत का जिस पर होना अभी अमल ।।1।।
सपना अपनी
भाषा का
संस्कृति के
प्रचार का ।
विश्व गुरु
बनने का,
सभी रहे अब
तक विफल।।2।।
नेताजी
सुभाष हों,
या फिर लाल
बहादुर ।
लौह पुरुष
पटेल हों
या सुखवीर , भगत अटल ।3।
आजादी के
बाद की,
जो तस्वीर
है आज कल ।
जरूरत नहीं
बताने की
यहाँ-वहाँ
सब दलदल ।4।
आओ हम
संकल्प लें,
सच्ची
आज़ादी लायेंगे ।
अमृत
महोत्सव बेला पर
नव भारत
निर्माण पर बल ।5।
आशा नहीं
विश्वास है यह
सपना पूरा
होगा कल ।
भाषा अपनी संस्कृति
अपनी
स्वदेशी ही
पर होगा बल ।6।