19 सितम्बर 2015
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में एक वैज्ञानिक हूँ. हिंदी में अत्यधिक रूचि रखती हूँ. पिछले लगभग 35 वर्षो से हिंदी लेखन के माध्यम से हिंदी के प्रचार - प्रसार में सक्रिय हूँ. 5 काव्य संग्रह सहित कुल 7 मौलिक पुस्तके प्रकाशित . 8 पुस्तके सम्पादित
प्रचार-प्रसार हेतु सद्य प्रकाशित पुस्तक – एक माँ यह भी
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सभी पाठको को मेरी रचना को पढ़ने और पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !
2 अक्टूबर 2015
शून्य ही शून्य है अनंत तक!………बहुत सुन्दर !
21 सितम्बर 2015
खूबसूरत रचना ।.....aapko पड़कर अपनी एक रचना साझा करने का मन बन गया पहचान सुबह से पूछते शाम तक ढूंढते रात को थक कर सो जाते ........... नहीं जान पाते अपनी पहचान क्या करने आये है .? क्या किया है .... ? क्या करके जायेंगे ? कौन है हम बताओ तुम...... सुबह से फिर ढूढने शुरू हो जाते .............
20 सितम्बर 2015