जय हिंद, जय हिंदी
अब हिंदी भाषा को अनिवार्य कर ही देना चाहिये
प्रशासन के सारे कार्य हिंदी मे होने चाहिये.
भारत का हर बच्चा- बच्चा, नर, नारी हर भारतीय
यही कहता, यही सोचता, भाषा हिंदी होनी चाहिये [1]
हिंद, हिंदी, हिंदुस्तान, भारत, भारतीय, भारती,
हर देशभक्त की पुकार, भाषा हिंदी हिंदुस्तान की
स्वदेश मे हिंदी भाषी को क्यों अपमान सहना चाहिये ?
कौन रोकता ? हक रोकने का किसी को ना होना चाहिये . [2]
ना दिवस हिंदी, ना पखवाड़ा हिंदी, दिखावा हिंदी का ना चाहिये
हिंदी तो बिंदी भाल की, उसको सर्वोच्च स्थान चाहिये .
धरोहर से देश की नवपीढी को परिचित कराना चाहिये,
यह सम्भव नहीं हिंदी बिना, यह सबको समझना चाहिये. [3]
वेद, उपनिषद, गीता, पुराण सब ग्रंथ व्यर्थ हो जाएंगे
बच्चे ना समझेंगे, संस्कृत, हिंदी तो भारत को कैसे जान पायेंगे ?
दायित्व ये हम सबका है, पूर्वजों की धरोहर को सम्वाहित करें,
पूर्वजों ने जो हमको सौपा, हम भी आगे संचारित करें. [4]
भारतीय अंग्रेज़ बनकर बच्चे, डॉक्टर, इंजीनियर भले ही बन जायेंगे,
खोखले व्यक्तित्व को ढोकर वे कहीं के ना रह पायेंगे.
लुप्त होती विद्याओं, ग्रंथों, ज्ञान को कृपया संवार लो,
यही भारत की पूंजी है, बच्चों को अवगत करा तो दो [5].
आशा नहीं विश्वास है यह, गर धरोहर यह बच जायेगी
भारतीय भारतीय ही रहेगा अंग्रेज़ियत परास्त हो जायेगी.
गर्व है मेरे भारत वर्ष को जो विश्वगुरू कहलाता है
सृष्टि की “रचना” या “प्रलय” हो, एक -एक की वो व्याख्या करता है [6]
भारत का ही आध्यात्मिक ज्ञान, आधुनिक विज्ञान की सीमा है,
आज का विज्ञान मात्र शैशव काल में, अभी तो भारत से बहुत कुछ सीखना है.
हिंदी, संस्कृत बिना क्या सम्भव यह, गौर करो जरा दुनिया वालो ?
इसीलिये अब हिंदी को अनिवार्य, ही होना चाहिये [7]
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