बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक बूढ़ी मां रहती थी जिसकी उम्र लगभग 80 साल की होगी उसका नाम देवंती था उसके 5 पुत्र थे 2 बेटियां थी बड़े बेटे का नाम धैर्य था जो से छोटा था उसका नाम पवन उससे जो छोटा था उसका नाम भोज और उससे जो छोटा था उसका नाम आकाश था उस से छोटी दो उनकी बहने थी जो उनका नाम जो पढ़ी थी उसका गंगा और जो छोटी थी उसका नाम निर्मला था उससे छोटा उनका एक भाई था जिसका नाम अभी था पांचों भाई और दोनों बहने आपस में कभी नहीं झगड़ते थे बेशुमार दौलत थी सब अपना खानदानी भेजने संभालते थे शाम को अपने-अपने घर आते सारे दिन काम करते बिजनेस का जब उसके बड़े भाई की शादी विचित्रा नाम की लड़की के साथ होकर आई सभी लोग हंस खेल के अपने जीवन को काट रहे थे उसी समय अचानक एक आवाज आई उस आवाज को सुनकर लोग डर गए सब भयभीत हो गए वह इतनी भयानक आवाज दी इतनी भयानक आवाज थी की बूढ़ी मां की तो दम ही निकल गई बेहोश हो गई मां जब देखा की आवाज कहां से आई है इधर उधर इस कमरे में देखा उधर देखा पता चला कि वह आवाज उन्हीं के गांव की एक पागल की है जो वह है पूरी तरह से पागल था लोग उसको कुछ भी कहते वह उसका ठीक उल्टा जवाब देता उस पागल का नाम वृकुटी था सब लोगों ने पूछा की है आवाज तूने क्यों दी तू है कहने लगा की आवाज मैंने नहीं दी