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फैंटेसी

hindi articles, stories and books related to Fantasi


अच्छा सुनो 
एक बात बताओ
क्या सच में जा रहे हो
जा रहे हो क्यू

करे  यदि  सूर्य   ईर्ष्या   तम   तमाम   करेगा &

आरती की ऐसी कहानी पढ़कर दिल का बेहद दुःखी होना एवम आँखों मे नमी आना स्वाभाविक था। लेकिन उस पत्र ने

घर आने के बाद मैंने जल्दी से कपड़े चेंज कर आरामदायक कपड़ो में बेड पर बैठकर लेटर को खोलने से पहले कि

पता नही किस्मत में क्या लिखा था। आरती किसी और की हो चुकी थी लेकिन इस तरह आरती का मेरी जिंदगी में

उस ट्रेन की घटना के ठीक 3 महीने बाद मेरा यू०पी०एस०सी० का एग्जाम था। मैंने पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित

आरती की सहेली स्वाति भी कुछ दिनों तक कोचिंग नही आई। लेकिन जब हफ़्तों के बाद कोचिंग मे स्वाति के दर

मैं हाल से बाहर निकला ही था कि घर के अंदर दरवाजे के पास आरती का भाई जोंटी  दो अन्य लड़को के स

मेरे खुशी की सीमा नही थी। इस तरह से ये मेरा पहला जन्मदिन था। आरती ने मेरे जन्मदिन को सुपर स्पेशल

मैं उस दिन ब्लू कलर की टी-शर्ट, सफेद जीन्स, स्पोर्ट्स शूज, वॉच पहन के 12:35 पर कोचिंग पहुँचा... ब

दो हफ़्तों बाद आरती को क्लास मे देखकर सुकून आया, जान मे जान आया..

दो हफ़्तों मे आरती का सिले

वह दिवाली मेरी जिंदगी की सबसे बेहरतीन दीवाली थी, क्योंकि दीवाली के साथ साथ इतनी बड़ी खुशी जो नसीब

मेरा इंतजार खत्म हुआ और वह दिन आ ही गया जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार था।

मैंने उस दिन आरती

लेटर पढ़ने के बाद मेरी खुशी की सीमा नही थी.. मैंने उस लेटर को अपने अधरो से कई बार स्पर्श किया..खुश

आँखों से कहिए
प्यार का अंदाज ना बदलें,<

आरती से मिलने की बेचैनी इतनी थी की मुझे नींद भी नही आ रही थी..बिस्तर पर लेटते ही मैं सोचने लगा सु

अगली सुबह प्रार्थना होने से पहले मेरी पेशी प्रिंसिपल सर के ऑफिस मे हुई। प्रिंसिपल सर बहुत कड़क स्व

हमे आपका साथ
जिंदगी भर नहीं चाहिये,

अब मैं 6वीं की किताबे एकत्र करने मे जुट गया ताकि उन्हें पढ़ कर वार्षिक परीक्षा मे आरती की मदद अच्छ

अगले दिन जब हम स्कूल पहुँचे फिर वैन नही आई थी। मैं पागल सा हो रहा था। मेरे सब्र का बांध टूट रहा थ

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए