सुबह के 7:00 बजे आम घरो की तरह चतुर्वेदी
निवास मे भी हलचल मची हुई है। किसी क
सुबह के 7:00 बजे आम घरो की तरह चतुर्वेदी
निवास मे भी हलचल मची हुई है। किसी क
अंधेरी रात,,, सुनसान सड़क,,, और उस पर दौड़ती डॉ. बत्रा की कार। बेटवाड
"इन आंखों को तलाश तेरी "😏😏😏
"इन आंखों को तलाश तेरी"😏😏😏
इन्सान की समझ सिर्फ इतनी है कि उसे जानवर कहो तो नाराज़ हो जाता है और शेर कहो तो ख़ुश
ये जो है अन्दर छुपा मेरे मेरा बचपन ना मैं
जीवन राग अनोखा, जो बूझे आनंद रहे । क्षीण हवा का झोंका, सदा बदलते रंग रहे ।
न देखा जमाना तो जाना ही क्या, अब तुम्हारे बिना मुस्कुराना ही क्या। राह ले जाती है म