ख्वाब मेरे कहे घर गांव से दूर परदेश
जाने को
घर अपनो की यादें सताती
मिट्टी की सोंधी सी खुशबू
कहती लौट आने को
मंजिलें कहती थोड़ा बाकी सफ़र है
कुछ कदम चल ले मुश्किल है डगर
अपनेपन अपनो ख़यालो मे आए
मिट्टी की वो सोंधी सी खुशबू
घर फिर बुलाए
2 जनवरी 2022
ख्वाब मेरे कहे घर गांव से दूर परदेश
जाने को
घर अपनो की यादें सताती
मिट्टी की सोंधी सी खुशबू
कहती लौट आने को
मंजिलें कहती थोड़ा बाकी सफ़र है
कुछ कदम चल ले मुश्किल है डगर
अपनेपन अपनो ख़यालो मे आए
मिट्टी की वो सोंधी सी खुशबू
घर फिर बुलाए
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प्रेम है तो श्रृंगार है विरह है वेदना है पर जो भी है सब दिल के करीब है ...💞 मैं और मेरा प्रेमी ही मेरी कलम है, यूँ तो बहुत बड़ी कवियित्री नही हूं, पर प्रेम को अपने काव्य में रखने का शौक पूरा करती हूं। प्रसिद्ध किताबें :- काव्या की काव्यांजली, नारी जीवन दर्पण, काव्यांशी जीवन के रंग, लफ्ज़ों की लहरें, प्रेम डगर, हाल ए दिल......... आशा है रचनाओं में आप जीवन और प्रेम की वास्तविकता को महसूस करेंगे 🙏 काव्या सोनीD