कोयला होना ही मुनासिब समझा
कोयला होना ही मुनासिब हमे समझा हीरे तो बिक जाते है बाजार में
सुंदरता की चमक के दीवाने क्या जाने जलना प्यार में
जुदाई में तेरी दिल जलता है जैसे कोकिल की अगन सनम
तेरी जुदाई पल पल तड़पाए सनम जलते अंगारों से जैसे जीया जल जाए सनम
तू जो ना मिले ये दिल ना सुकून पाए कितना भी बहला लो दिल को ये प्यास मिलन की चाह की ना बुझ पाए
इश्क़ थुआ सा प्रेम रोग है तेरी यादों की चिनगारी पल में सुलगाए
कर चाहे कितने ही जतन ये ना बुझ पाए ये प्रेम तो तो पल पल फैलता है जाए सनम
घायल दिल हो जाता मन जलता जैसे आग कहने को कच्चे कोकिल सा मन
जले तो तबाही मचाए सनम
जो जले अंगारे सोना भी पिघलाए तेरी दूरी से भी तुझे ना हम भूल पाए सनम
किस्मत बन कर तू अब शामिल हो जीवन में इश्क़ की बारिश बन बरस तो बात बने मिलन में
मायूस नैनों की रौनक तुमसे हमे इश्क़ सनम सिर्फ तुमसे
आ फिर लौट कर मिलन का नया इतिहास बना
कल तक जिनकी नज़रों में कोयले सा जल रहा था हमारा साथ प्यार की रस्में निभाकर कोहिनूर सा बना हमारा प्यार
निखर गया जुदाई की अगन से जल जल इश्क़ का रूप
जग से निराला होगा ये मिलन का स्वरूप
कोकिल (जलता हुआ अंगारा)