ये मन के परिंदे सबकी चाहत अलग
अलग सबके अरमान
कुछ की ख्वाहिश छोटी छोटी
कुछ चाहत पूरा आसमान
लगता है इन्हे दोस्तो का क्या है जनाब
मुफ्त मिल जाते है दोस्त यार
सच बोलकर दुश्मन बनाना कितना
मुश्किल है यहां यार
जो तुम थामे हो सच्चाई का दामन
यहां किसे फिक्र है यार
दुनिया तो रोज नए फसाने से है प्यार
जो टूटे ख्वाब तो क्या
बिखरे अरमान तो क्या
आंखो का काम ही नित नए
ख्वाब सजाना
एक टूटा फिर नया ख्वाब
सजाना
खुश हो जाते है छोटी सी बात से
फिर तुम्हे तो रुलाने बहानों
कमी है क्या