सूरज मकर राशि में प्रवेश होकर
मकर संक्रान्ति की दी खबर
याद आया वो बचपन का जमाना
सबके संग मिलकर पतंगे उड़ना
तिल लड्डू खाना खिलाना
प्यारा था वक़्त सुहाना
महक सोंधी सी खिचड़ी ओर गुड़ की
गीत गाना ओर धूम मचाना
गंगा स्नान और ओर पकवानों का स्वाद
सर्दियां कहने हो है अलविदा
दिन बढ़ने की शुरआत
आसमां में पतंगों की हो रही जैसे बरसात
प्यारा हो हर त्योहार
जब संग हो अपनों का साथ।