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अजमीढ़ जयंती

9 अक्टूबर 2022

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राजस्थान में प्रसिद्ध अजमेर, (जिसका प्राचीन नाम अज्मेरू था) शहर बसाकर मेवाड़ की नींव रखने वाले महाराज अजमीढ़ जी, मैढ़क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के आदि पुरुष माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि महाराज अजमीढ़, ब्रम्हा द्वारा उत्पन्न अत्री की 28वीं पीढ़ी में त्रेता युग में जन्मे थे। वे मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम के समकालीन ही नहीं बल्कि उनके परम मित्र भी थे। 
       महाराजा अजमीढ़ जी के पिता का श्रीहस्ति थे, जिन्होंने महाभारत काल में वर्ण‍ित हस्तिनापुर नगर को बसाया था। अजमीढ़ जी जेष्ठ पुत्र होने के कारण हस्तिनापुर राजगद्दी के उतराधिकारी हुए और बाद में अजमीढ़जी प्रतिष्टानपुर (प्रयाग) एव हस्तिनापुर दोनों राज्यों के भी सम्राट हुए। प्रारंभ में चन्द्रवंशीयों की राजधानी प्रयाग प्रतिष्टानपुर में ही थी। हस्तिनापुर बसाये जाने के बाद प्रमुख राज्यगद्दी हस्तिनापुर हो गई। इतिहासकारों के अनुमान के मुताबिक ई.पू. 2000 से ई.पू. 2200 वर्ष में उनका राज्यकाल रहा।
 
महाराजा हस्ती के जीवन काल की प्रमुख घटना यही मानी जाती है की उन्होंने हस्तिनापुर का निर्माण करवाया। प्राचीन समय में हस्तिनापुर न केवल तीर्थ स्थल, बल्कि देश का प्रमुख राजनैतिक एव सामाजिक केंद्र रहा। कालांतर में हस्तिनापुर कौरवों की राजधानी रहा जिसके लिए प्रसिध्य कुरुक्षेत्र युद्ध हुआ। 
 
ऐसा कहा जाता है कि महाराजा अजमीढ़ देव जी धर्म-कर्म में विश्वास रखते थे, और उन्हें खिलौने तथा आभूषण बनाने का बेहद शौक था। अपने इसी शौक के चलते वे अनेक प्रकार के खिलौने, बर्तन और आभूषण बनाकर उन्हें अपने प्रियजनों को भेंट किया करते थे। उनके इसी शौक को उनके वंशजों ने आगे बढ़ाकर व्यवसाय के रूप में अपना लिया। तभी से वे स्वर्णकार के रूप में जाने गए और आज तक आभूषण बनाने का यह व्यवसाय उनके वंशजों द्वारा जारी है। 
 
अजमीढ़ देव जी एक महान क्षत्रिय पराक्रमी राजा के रूम में मान्य थे। शरद पूर्णिमा (आश्विन शुक्ला १५) के दिन, मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज द्वारा आदि पुरुष अजमीढ़जी की जयंती मनाने की परंपरा है।

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ऋतेश आर्यन

ऋतेश आर्यन

बढ़िया जानकारी से युक्त सूचनाप्रद लेख👌👍

9 अक्टूबर 2022

काव्या सोनी

काव्या सोनी

9 अक्टूबर 2022

Thankyou aaj ajmidh jaynti hai jo hamare soni samaj ke liye khas hai to socha inke bare bataya jaye aapko achha lga thanks 🤗

ऋतेश आर्यन

ऋतेश आर्यन

9 अक्टूबर 2022

हां बिल्कुल, बहुत सुंदर जानकारी , 💐💐

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Good morning 🌄

10 अक्टूबर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">उदासी अब कर लो जरा मुझसे <br> ब्रेकअप <br> खुशियों से करा दे जरा<br>

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ये मन के परिंदे

10 अक्टूबर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">ये मन के परिंदे सबकी चाहत अलग<br> अलग सबके अरमान<br> कुछ की ख्वाहिश छ

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Ahsaas

17 अक्टूबर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">कुछ अहसास दिल के<br> दिल में ही रह जाते है</p> <p dir="ltr">ख्वाब और

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रोशन सवेरा है पास

21 अक्टूबर 2021
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<p dir="ltr">जब हो घनी अंधियारी रात<br> तो समझना रोशन सवेरा <br> आने वाला है पास</p> <p dir="l

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आजकल की मोहब्बत

22 अक्टूबर 2021
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आम है आजकल की मोहब्बत की कहानी<div>ना होता इश्क अब रूहानी</div><div><br></div><div>ना आज की चा

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स्त्री और पुरुष की दोस्ती

25 अक्टूबर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">एक स्त्री और पुरुष की<br> दोस्ती भी पवित्र होती है<br> जो मन की भावना

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बिता वक्त लौट के नहीं आता

25 अक्टूबर 2021
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<div>बिता वक्त लौट के नहीं आता </div><div>अच्छी बुरी यादें बस छोड़ जाता</div><div> कर नहीं

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रंग बंद किताबो में मिलेंगे

25 अक्टूबर 2021
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सालो बाद कुछ ऐसा नजारा हो होगा<div>प्रकृति से पहचान सिर्फ किस्से कहानी </div><div>का सहारा होगा

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पारम्परिक परिधान

26 अक्टूबर 2021
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सुंदरता नहीं दिखावा <div>सादगी मे भी खूबसूरती </div><div>कमाल है</div><div>आधुनिक परिधान स

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तुम्हे माना मन का मीत

27 अक्टूबर 2021
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<div>काश के दिल ने ख्वाब प्रीत का</div><div>सजाया ही ना होता</div><div>तुम्हे माना मन का मीत</div><d

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रिमझिम बारिश की फुहार है

27 अक्टूबर 2021
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<p dir="ltr">रिमझिम बारिश की फुहार है<br> </p> <div align="left"><p dir="ltr">ये बारिश की बूंदे बादल

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कभी इश्क तो कर

30 अक्टूबर 2021
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कभी मुझे समझने की <div>कोशिश कर</div><div>नजरिए इरादे बदल जाए</div><div>तू कभी इस क़दर </d

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एक शख्स बेमिसाल

30 अक्टूबर 2021
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खुद को उलझा कर रखती हूं<div>उनको भूलने की नाकाम कोशिश करती हूं</div><div>दिल का एक है ख्याल</div><di

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कोयला होना ही मुनासिब समझा

31 अक्टूबर 2021
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कोयला होना ही मुनासिब समझा<div><br></div><div>कोयला होना ही मुनासिब हमे समझा हीरे तो बिक जाते है बाज

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नारी का अनूठा अंदाज

31 अक्टूबर 2021
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एक अनूठा है ये नारी का<div>अंदाज</div><div>चोटी बनाने में नारी के</div><div>छुपा है राज</div><div><b

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घर का भेदी

1 नवम्बर 2021
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<div>घर का भेदी बनकर </div><div>तुम ना रिश्तों की मर्यादा</div><div>दांव पर लगाना</div><div>घर

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घर का भेदी

2 नवम्बर 2021
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घर का भेदी बन<div>विभीषण ने सदा</div><div>अपमान ही पाया</div><div>मानवता की राह पर</div><div>खुद पर

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रूप चतुर्दशी की शुभकामनाएं

3 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">सिर्फ तन की सुंदरता की ही ना <br> कमाना<br> मन को भी तुम निखारना<br>

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घर के भेदी (कलयुग के विभीषण)

3 नवम्बर 2021
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कलयुग के विभीषण बड़े अनोखे<div>अपने स्वार्थ के लिए देते अपनो को धोखे</div><div>घर के भेदी बनकर अपनो

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बांसुरी के संदेश प्यारे

3 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">बांसुरी कान्हा को अति प्रिय<br> बांसुरी की धुन मोह ले सबके हृदय</p> <p dir="ltr">बांसुर

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🌹🎇Happy 🎆 diwali 🎇🌹

3 नवम्बर 2021
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दीपावली की धूमधाम<div>दीयों से जगमगाती शाम</div><div>दीपावली का त्यौहार</div><div>खुशियों का मिले उप

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दीपावली

4 नवम्बर 2021
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<div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/616076f83

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सब बस टाइमपास है

7 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">दिल का अब तो<br> व्यापार है <br> अब नहीं दिल कोई <br> अहसास है<br> इश

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त्यौहार की यादें

7 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><b>त्यौहार</b> की यादें</p></div> <div align="left"><p dir="ltr">मिट्

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त्यौहार की यादें

8 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">त्योहारों की यादें<br> खूबसूरत सौगातें<br> फूलो की तरह <br> सदा महकती

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त्यौहार की यादें

9 नवम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">ये त्यौहार के मौसम </span></div><div><span style="font-size

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त्यौहार की यादें  बड़ी सुहानी

9 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">त्यौहार की यादें <br> बड़ी ही सुहानी<br> आज बनकर रह<br> जैसे किस्से कहानी<br> त्य

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ख्याल

14 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">मै ख्याल मुझ पर किसी बंधन का जोर नहीं<br> मै ना ठहरू मेरा कोई छौर नही

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बच्चे मन के सच्चे

15 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">बच्चे मन के सच्चे<br> आइने सा उनका मन<br> छल कपट से परे<br> मासूमियत

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जोधपुर नगरी

5 दिसम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">राजस्थान का सुंदर शहर<br> राव जोधा का बसाया ये नगर<br> आबादी जहा की ल

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तेरा साथ है पाना

28 दिसम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">ग्रहों की भूल है <br> या वक्त की ये चाल है<br> या किस्मत का ये जंजाल

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वो अनजाना

28 दिसम्बर 2021
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<p>वो अनजाना सा राही<br> जीवन में यू आया<br> बन बैठा मेरा माही<br> ख्वाब दिलकश दिखाया<br> एक तूफान स

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वृक्ष जीवन का आधार है

29 दिसम्बर 2021
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<p>वृक्ष जीवन का आधार है<br> पृथ्वी का श्रृंगार है<br> वृक्षारोपण का जो लोग प्रण<br> सुरक्षित होगा स

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आखिरी रात 

31 दिसम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">आज की ये आखिरी रात होगी</span></div><div><span style="font-size:

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नया साल

31 दिसम्बर 2021
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<p>बीते साल की यादें<br> उसकी दिल में सजाए<br> आ गया नया साल <br> ख्वाब नए सजाए<br> शिकवे शिकायत सब भूलकर<br> अपनो को गले लगाए<br> नई उम्मीदों नई उमगों से भरा<br> ये साल सभी के जीवन में<br> रंग नए बिख

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नई शुरुआत

1 जनवरी 2022
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साल की ये नई शुरुआत हुई अपनों की शुभकामाओं के साथ भूलकर गम की बात

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इश्क अपना रूहानी

1 जनवरी 2022
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अपने करीब मुझे तुम पाओगे हर पल हर लम्हा तुम चाहे हो महफ़िल चाहे रहो तन्हा आसमां का सितारा या हो इश्क का नज़ारा रूहानी इश्क फिर भी मुमकिन नहीं मिलन हमारा क्या हुआ अगर रह गई अधूरी हमरी इश्क की कहानी पुनर्जन्म लेकर मुक्कमल करेंगे इश्क अपना रूहानी

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दोस्ती

1 जनवरी 2022
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रिश्ता है ये खास मेरे यार ये दोस्ती जीते है हम इसे प्यार से प्यारा है एहसास यार ये दोस्ती अजनबी बनकर हम मिले अब बन गई जान ये दोस्ती जन्म से रिश्ते सारे बने दिल का बनाया नाता है यार ये दोस्ती बिन शर्तो के जीवन भर का नाता है सरकार ये दोस्ती

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लम्हे

1 जनवरी 2022
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जिंदगी के सफर के लम्हे कुछ उलझे से कुछ सुलझे कुछ अपने थोड़े बेगाने कभी पतझड़ कभी बहारें जिंदगी के रंग अनोखे है यार कभी नफरत कही प्यार

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कान्हा

1 जनवरी 2022
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जिस ज़र्रे को कान्हा के चरण छू जाए पुण्य का सैलाब वहां आए मिट जाए पाप कृष्ण नाम से

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घर बुलाए

2 जनवरी 2022
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ख्वाब मेरे कहे घर गांव से दूर परदेश जाने को घर अपनो की यादें सताती मिट्टी की सोंधी सी खुशबू

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मकर संक्रान्ति

14 जनवरी 2022
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सूरज मकर राशि में प्रवेश होकर मकर संक्रान्ति की दी खबर याद आया वो बचपन का जमाना सबके संग मिलकर पतंगे उड़ना तिल लड्डू खाना खिलाना प्यारा था वक़्त सुहाना महक सोंधी सी खिचड़ी ओर गुड़ की गीत गाना ओर धूम

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अजमीढ़ जयंती

9 अक्टूबर 2022
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राजस्थान में प्रसिद्ध अजमेर, (जिसका प्राचीन नाम अज्मेरू था) शहर बसाकर मेवाड़ की नींव रखने वाले महाराज अजमीढ़ जी, मैढ़क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के आदि पुरुष माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि महाराज अजमीढ

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