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गीत सुनो

19 सितम्बर 2018

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दुःख,व्यथा,क्षोभ ही नहीं भरा बस विरह, क्रोध ही नहीं धरा मकरंद मधुर उर भीत सुनो जीवन का छम-छम गीत सुनो ज्वाला में जल मिट जाओगे गत मरीचिका आज लुटाओगे बनकर मधुप चख लो पराग कुछ क्षण का सुरभित रंग-राग अंबर से झरता स्नेहप्रीत सुनो कल-कल प्रकृति का गीत सुनो क्यूँ उर इतना अवसाद भरा? क्यूँ तम का गहरा गाद भरा? लाली उषा की,पवन का शोर छलके स्वप्न दृग अंजन कोर घन घूँघट चाँदनी शीत सुनो टिम-टिम तारों का गीत सुनो इस सुंदर जीवन से विरक्ति क्यों? कड़वी इतनी अभिव्यक्ति क्यों? मन अवगुंठन,हिय पट खोलो तुम खग,तितली,भँवर संग बोलो तुम न मुरझाओ, मनवीणा मनमीत सुनो प्रेमिल रून-झुन इक गीत सुनो --श्वेता सिन्हा

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रेणु

रेणु

प्रिय श्वेता -- बहुत ही सुंदर सरस गीत और कोमल शब्दावली -- मन्त्र मुग्ध हो पढती गयी जितनी सराहना करूं कम है -कितने प्यारे हैं सभी बोल -- मन अवगुंठन, हिय पट खोलो तुम खग ,तितली,भँवर संग बोलो तुम न मुरझाओ, मनवीणा मनमीत सुनो प्रेमिल रून-झुन इक गीत सुनो !!!!!!! - माँ सरस्वती इस लेखनी को सदा अपना आशीष दे | सस्नेह --

20 सितम्बर 2018

अमित

अमित

घन घूँघट चाँदनी शीत सुनो टिम-टिम तारों का गीत सुनो इस सुंदर जीवन से विरक्ति क्यों? कड़वी इतनी अभिव्यक्ति क्यों? बेहद ख़ूबसूरत गीत, मैम उत्तम शब्द चयन और नायाब अभिव्यक्ति... वाह👌👌👌👏👏👏

20 सितम्बर 2018

अमित

अमित

घन घूँघट चाँदनी शीत सुनो टिम-टिम तारों का गीत सुनो इस सुंदर जीवन से विरक्ति क्यों? कड़वी इतनी अभिव्यक्ति क्यों? बेहद ख़ूबसूरत गीत, मैम उत्तम शब्द चयन और नायाब अभिव्यक्ति... वाह👌👌👌👏👏👏

20 सितम्बर 2018

अमित

अमित

घन घूँघट चाँदनी शीत सुनो टिम-टिम तारों का गीत सुनो इस सुंदर जीवन से विरक्ति क्यों? कड़वी इतनी अभिव्यक्ति क्यों? बेहद ख़ूबसूरत गीत, मैम

20 सितम्बर 2018

अमित

अमित

घन घूँघट चाँदनी शीत सुनो टिम-टिम तारों का गीत सुनो इस सुंदर जीवन से विरक्ति क्यों? कड़वी इतनी अभिव्यक्ति क्यों?

20 सितम्बर 2018

आलोक सिन्हा

आलोक सिन्हा

अच्छी रचना है |

20 सितम्बर 2018

Mannkepaankhi

9 रचनाएँ
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कृष्ण जैसे कृष्ण ही हैं।

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