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गीत

19 नवम्बर 2016

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तुम रंज न करना दुनिया वालों,

मेरी बेतकक्लूफ सी हंसी पर,

मुझे आदत है मुस्कुराने की।१।


ये प्यार मोहब्बत की बात,

ये चाहत की रंगीन गलियां,

सौ बार गया इन राहों पे,

पर मुझे मिला ना मन बसिया,

जग को आदत है ठुकराने की,

मुझे आदत है मुस्कुराने की।२।


चाहे लाख कोई करले बोर,

चाहे लाख कोई खाये,

हमे स्वपन दिखा के अमृत के,

घूंट सदा विष के पाये,

सब बातें दिल बहलाने की,

मुझे आदत है मुस्कुराने की।३।


सौ बार अगर ये दिल टूटा,

सौ बार अगर धोखा खाया,

फिर भी ना टूटी आस एक,

तुझको अगर मैं ना पाया,

क्या जुर्रत थी आजमाने की,

मुझे आदत है मुस्कुराने की।४। 



- अजीतसिंह चारण

लिंक रोड़, रतनगढ़ (चूरु)

मो. 9462682915

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सिचवेसन है

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तुम रंज न करना दुनिया वालों, मेरी बेतकक्लूफ सी हंसी पर, मुझे आदत है मुस्कुराने की।१। ये प्यार मोहब्बत की बात, ये चाहत की रंगीन गलियां,सौ बार गया इन राहों पे, पर मुझे मिला ना मन बसिया, जग को आदत है ठुकराने की, मुझे आदत है मुस्कुराने की।२। चाहे लाख कोई करले बोर, चाहे लाख कोई खाये, हमे स्वपन दिखा क

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<p>*लॉकडाउन मे महफिल-ए-मयखाना*</p> <p> &n

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