ग्लोबल वार्मिंग
जब वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है, तो वायुमंडल के तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है और धरती के तापमान में लगातार हो रही इस बढ़ोतरी को ही ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। ग्लोबल वार्मिंग के चलते वैज्ञानिकों का मानना तो यहां तक है कि आने वाले दिनों में सूखा या बाढ़ जैसी घटनाएं बढ़ेंगी। वातावरण पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो जाएगा, जिसका हमारे जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार ग्रीन हाउस गैस है। ग्लोबल वार्मिंग से यदि बचना है तो इसके बारे में जागरूकता फैलाने होगी। चारों ओर हरियाली लानी होगी। वृक्ष लगाने होंगे। पेड़ों की कटाई रोकने होगी और जंगलों के संरक्षण पर बल देना होगा।
चारों ओर हरियाली होगी, कहीं ना होगा प्रदूषण ।
ग्लोबल वार्मिंग की जागरूकता ही, शुद्ध करेगी वातावरण ।।
आओ मिलकर हम एक काम करें।
धरती को हरा श्रृंगार करें।
विश्वव्यापी इस संकट का,
मिलकर हम सब निदान करें।
प्रिन्स सिंहल