उदयनिधि स्टालिन
सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए। उदयनिधि स्टालिन ने यह बयान देकर तूफान खड़ा कर दिया है। फिल्मकार से राजनेता बने उदयनिधि स्टालिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के पोते हैं । उन्होंने डॉन बॉस्को स्कूल में पढ़ाई की और चेन्नई के लोयोला कॉलेज से वाणिज्य में डिग्री ली ।
उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना "डेंगू" और "मलेरिया" से करने के बाद विवाद खड़ा कर दिया और कहा कि इसका सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि "उन्मूलन" किया जाना चाहिए। ' सनातन उन्मूलन सम्मेलन' में बोलते हुए उदयनिधि ने कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।
उधयनिधि स्टालिन को राजनीति विरासत में मिली। वो तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एम करुणानिधि के पोते और वर्तमान डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन के बेटे हैं। राजनीति में आने से पहले उन्होंने एक अभिनेता और निर्माता के तौर पर भी काम किया। अभिनेता के तौर पर उनकी पहली फिल्म 'ओरु काल ओरु कन्नडी'।
उन्होंने डॉन बॉस्को स्कूल से पढ़ाई की, इसके बाद चेन्नई के प्रसिद्ध लोयोला कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। फिल्म जगत में प्रसिद्धी पाने के बाद उन्होंने राजनीति में दिलचस्पी दिखाई। जिस वजह से 4 जुलाई 2019 को उन्हें द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के यूथ विंग का सचिव बनाया गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने डीएमके उम्मीदवारों के लिए राज्य भर में प्रचार किया। अभी भी वो डीएमके के युवा विंग के सचिव के रूप में पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।
लेखक : प्रिन्स सिंहल