*"कम्युनिकेशन गैप"* *सम्पर्क संसर्ग अन्तराल* कल हमने जनरेशन गैप विषय को संक्षिप्त में स्पष्ट किया। आज जनरेशन गैप के विषय के संदर्भ में ही एक और विषय उभर कर आया है। वह विषय है कम्युनिके
भाषा है हर संवाद के लिए जरूरी, फिर क्यों बनें अंग्रेजी जरूरी? अपनी निज भाषा, क्यों बनें तमाशा? शब्दों के अर्थ में बंधकर, बोले जो भी भाषा, वहीं है अपनी आशा संवाद के लिए जरूरी है जितनी भाषा, खुद को सुनाने के लिए भी, जरूरी है अपनी भाषा। चहुंओर लड़ाई है, कहीं क्षेत्रवादिता, कहीं भाषावादिता, वाद, विवा
Mr. A - एक बात काफी सुनता हूँ मैं...."आज का यूथ जागरूक है, बेवकूफ नहीं है!"मतलब कल या पहले के यूथ - तुम्हारे माँ-बाप-दादे बेवकूफ थे? जितने साधन उनके पास थे उस हिसाब से बहुत सही थे। शायद गूगल-इंटरनेट के सहारे टिके "यूथ" से कहीं बेहतर...Miss B - ...लेकिन गलतियां तो हुई हैं पहले लोगो से?Mr. A - किसी पी