
प्रख्यात अभिनेता और गायक कुंदन लाल सहगल (के.एल.सहगल) का जन्म ११ अप्रैल १९०४
को जम्मू में हुआ था| प्रेसिडेंट फिल्म का गीत एक बंगला बने न्यारा और शाहजहाँ
फिल्म का गीत जब दिल ही टूट गया जैसे सदाबहार सुपरहिट गानों को गाने वाले सहगल साहब का रूझान बचपन से ही गीत-संगीत की ओर था। उनकी मां केसरीबाई कौर की धार्मिक
कार्यों के साथ ही संगीत मे भी काफी रूचि थी| सहगल साहब अक्सर मां के साथ
भजन-कीर्तन जैसे धार्मिक कार्यक्रमों में जाया करते थे और अपने शहर मे हो रही
रामलीला के कार्यक्रमों मे भी हिस्सा लिया करते थे। सहगल की प्रारंभिक शिक्षा साधारण
तरीके से हुयी। उन्हें अपनी पढा़ई बीच मे ही छोड़ देनी पड़ी और जीवन यापन के लिये
उन्होंने रेलवे मे टाईमकीपर की मामूली नौकरी भी की थी। बाद में उन्होंने रेमिंगटन
नामक टाइपराइटिंग मशीन की कंपनी में सेल्समैन की नौकरी भी की।1930 मे कोलकाता के
न्यू थियेटर के बी.एन.सरकार ने सहगल को 200 रुपए माह पर अपने यहां काम करने का मौका
दिया। वहां उनकी मुलकात संगीतकार आर.सी.बोराल से हुई जो सहगल की प्रतिभा से काफी
प्रभावित हुए। धीरे धीरे सहगल न्यू थियेटर मे अपनी पहचान बनाते चले गए। शुरुआती
दौर में बतौर अभिनेता सहगल को वर्ष 1932 में प्रदर्शित एक उर्दू फिल्म 'मोहब्बत के आंसू' में काम करने का मौका मिला। वर्ष
1932 में ही बतौर कलाकार उनकी दो और फिल्में 'सुबह का सितार' और 'जिंदा लाश' भी प्रदर्शित हुई लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास पहचान नहीं मिली। 1933
मे प्रदर्शित फिल्म 'पुराण भगत' की कामयाबी के बाद बतौर गायक सहगल कुछ हद तक फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान
बनाने में सफल हो गए। इस फिल्म में उनके गाये चार भजन देश भर में काफी लोकप्रिय
हुए। इसके बाद 'यहूदी की लड़की', 'चंडीदास' और 'रूपलेखा' जैसी फिल्मों की कामयाबी से सहगल साहब
ने दर्शकों के दिलों में अपना खास मुकाम बना लिया| 18 जनवरी 1947 को सहगल साहब इस
दुनिया को अलविदा कह गए। ज्ञातव्य है कि भारतीय सिनेमा जगत के
पहले 'महानायक' (सुपरस्टार) का दर्जा पाने वाले के.एल.सहगल
ने अपनी गायकी और अदाकारी से दर्शकों को अपना दीवाना बनाया था और आज भी वो उनकी
यादों में जिंदा हैं। हालाँकि सहगल साहब ने दो दशक के लंबे सिने करियर में महज 185
गीत ही गाए इनमें 142 फिल्मी और 43 गैर फिल्मी गीत शामिल हैं। लेकिन उन्हें जितनी
ख्याति प्राप्त हुई उतनी हजारों की संख्या में गीत गाने वाले गायकों को नसीब नहीं हुई।