भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक लाला लाजपत राय जिन्हें ‘पंजाब
केसरी’ भी कहते हैं की आज जयंती है| पंजाब के मोगा जिले में एक अग्रवाल बनिया
परिवार में जन्मे लाला लाजपत राय ने कुछ समय तक हरियाणा के रोहतक और हिसार शहरों
में वकालत भी की। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता थे। बाल
गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल के साथ इस त्रिमूर्ति को लाल-बाल-पाल के नाम से
जाना जाता था। इन्हीं तीनों नेताओं ने सबसे पहले भारत में पूर्ण स्वतन्त्रता की
माँग की थी जिसके फलस्वरूप बाद में समूचा देश इनके साथ हो गया। स्वामी दयानन्द
सरस्वती के साथ मिलकर आर्य समाज को पंजाब में लोकप्रिय बनाने में भी लाला जी का
खास योगदान रहा| पंजाब नेशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा
कम्पनी की स्थापना का श्रेय लाला जी को ही प्राप्त है| गौरतलब है कि लाला हंसराज के साथ दयानन्द एंग्लो
वैदिक विद्यालयों के प्रचार-प्रसार में भी लाला जी की विशेष भूमिका रही है जिन्हें
आजकल डीएवी स्कूल्स व कालेज के नाम से जाना जाता है। लालाजी ने अनेक स्थानों पर
अकाल में शिविर लगाकर भी लोगों की सेवा भी की। सन् 1928 में साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन के दौरान हुए लाठी-चार्ज में
लाला जी बुरी तरह से घायल हो गये और अन्तत: १७ नवम्बर सन् १९२८ को इस महान आत्मा
ने अपना पार्थिव देह त्याग दिया| लाहौर में साइमन कमीशन के विरुद्ध
आयोजित एक विशाल प्रदर्शन में लाठी-चार्ज के दौरान बुरी तरह से घायल होने के
बावजूद लाला जी के उद्बोधन थे “मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत
में एक-एक कील का काम करेगी"
देश के इस अमर वीर सेनानी को देश के तरफ से भावभीनी श्रधांजलि!!!