देश को करप्शन-फ्री होना
है तो समाज में 3
ही ऐसे लोग हैं, जो ये कर सकते हैं। माता-पिता और टीचर। ........कलाम
मिसाइल मैन के नाम से
मशहूर “अब्दुल कलाम” अब भले ही शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं लेकिन हमारे
मन-मस्तिष्क में वो सदा पूजनीय रहेंगे | उनका “सादा जीवन-उच्च विचार” और सतत संघर्ष
से कभी हार न मानने वाला दृष्टिकोण हम सभी के लिए सदैव आदर्श रहेगा | सामान्य
भारतीय जनता के सच्चे प्रतिनिधि “अब्दुल कलाम” का पूरा नाम था अब्दुल पाकिर
जैनुलाब्द्दीन अब्दुल कलाम (ए पी जे अब्दुल कलाम) | इनका जन्म १५ अक्टूबर, १९३१ को
तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गाँव में एक निम्न मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार हुआ
था | लेकिन अपने मजबूत इरादों की वजह से कलाम ने १९५८ में तकनीकी केंद्र में वरिष्ठ
वैज्ञानिक सहायक का पड़ संभाला, जिन्होंने पहले ही साल पराध्वनिक लक्ष्यभेदी विमान
का डिजाईन तैयार कर अपने स्वर्णिम कार्यक्षेत्र की शुरुआत की | १९६२ में इसरो से
जुड़कर उन्होंने एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत त्रिशूल, पृथ्वी,
आकाश, नाग, अग्नि और ब्रह्मोस मिसाइलों का विकास किया | इन मिसाइलों के सफल
प्रक्षेपण ने भारत के परमाणु हथियार निर्माण की दिशा तय की | इसी कारण कलाम को मिसाइल
मैन कहा जाता है | २५ जुलाई, २००२ को कलाम भारत के ११वें राष्ट्रपति बने, जिन पर
हर भारतवासी को गर्व है | कलाम देश के ऐसे तीसरे राष्ट्रपति भी हैं, जिन्हें देश
के सबसे सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया है | देश के इस कोहिनूर
हीरे का देहावसान २७ जुलाई, २०१५ को शिलांग में एक व्याख्यान देते समय दिल का दौरा
पड़ने की वजह से हुआ | विद्यार्थियों के आदर्श होने के कारण ही भारत सरकार ने आज
उनका जन्म दिवस “विद्यार्थी दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है |
कलाम की उक्ति “सपना वह
नहीं, जो आप नींद में देखते हैं | यह तो एक ऐसी चीज़ है, जो आपको नींद ही नहीं आने
देती”,
उन्हें भारत का सच्चा सपूत, देशभक्त, दूरद्रष्टा एवं सर्व-आदर्श साबित करती है । आज देश में साम्प्रदायिकता बनाम पंथनिरपेक्षता की बहसबाज़ी में “सर्व समाज के आदर्श” कलाम के जीवन-आदर्श निश्चित रूप से अनुकरणीय हैं ।
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