डॉ० राही मासूम रज़ा का जन्म १ सितंबर, १९२५ को गाजीपुर जिले के गंगौली
गांव में हुआ था और प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गंगा किनारे गाजीपुर शहर के एक
मुहल्ले में हुई थी। बचपन में पैर में पोलियो हो जाने के कारण उनकी पढ़ाई कुछ
सालों के लिए छूट गयी, लेकिन इंटरमीडिएट करने के बाद वह अलीगढ़ आ गये और यहीं से
एमए करने के बाद उर्दू में `तिलिस्म-ए-होशरुबा' पर पीएच.डी. की। पीएच.डी. करने के
बाद राही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के उर्दू विभाग में
प्राध्यापक हो गये और अलीगढ़ के ही एक मुहल्ले बदरबाग में रहने लगे। अलीगढ़ में
रहते हुए ही राही ने अपने भीतर साम्यवादी दृष्टिकोण का विकास कर लिया था और भारतीय
कम्युनिस्ट पार्टी के वे सदस्य भी हो गए थे। अपने व्यक्तित्व के इस निर्माण-काल
में वे बड़े ही उत्साह से साम्यवादी सिद्धान्तों के द्वारा समाज के पिछड़ेपन को
दूर करना चाहते थे और इसके लिए वे सक्रिय प्रयत्न भी करते रहे थे। १९६८ से राही
बम्बई (वर्तमान में मुंबई) में रहने लगे। वे अपनी साहित्यिक गतिविधियों के साथ-साथ
फिल्मों के लिए भी लिखते थे जो उनकी जीविका का प्रश्न बन गया था। राही
स्पष्टतावादी व्यक्ति थे और अपने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रीय दृष्टिकोण के कारण
अत्यन्त लोकप्रिय हो गए थे। यहीं रहते हुए राही ने आधा गांव, दिल एक सादा कागज, ओस की बूंद, हिम्मत जौनपुरी उपन्यास व १९६५ के
भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए वीर अब्दुल हमीद की जीवनी छोटे आदमी की बड़ी कहानी
लिखी। उनकी ये सभी कृतियाँ हिंदी में थीं। इससे पहले वह उर्दू में एक महाकाव्य
१८५७ जो बाद में हिन्दी में क्रांति कथा नाम से प्रकाशित हुआ तथा छोटी-बड़ी उर्दू
नज़्में व गजलें लिखे चुके थे। आधा गाँव, नीम का पेड़, कटरा बी आर्ज़ू, टोपी शुक्ला, ओस की बूंद और सीन ७५ उनके प्रसिद्ध
उपन्यास हैं।
उल्लेखनीय है कि डॉ० राही मासूम रज़ा ने लगभग 300
फ़िल्मों की पटकथा और संवाद भी लिखे तथा दूरदर्शन के लिए 100 से अधिक धारावाहिक भी
लिखे, जिनमें 'महाभारत' और 'नीम का पेड़' अविस्मरणीय हैं। इन्होंने प्रसिद्ध
टीवी सीरियल महाभारत की पटकथा एवं संवाद भी लिखा और 1979 में 'मैं तुलसी तेरे आँगन की' फ़िल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ
संवाद के लिए प्रतिष्ठित फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिला| १५ मार्च १९९२ को मुंबई
में डॉ० राही मासूम रज़ा इस दुनिया को छोड़कर उस दुनिया में रुखसत कर गए जहां से
लौटकर फिर कोई नहीं आता| राही जी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी आदरांजलि!