13 जनवरी 1926 को पश्चिम बंगाल के वर्धमान में जन्में थे हिंदी सिनेमा जगत के प्रख्यात निर्माता
और निर्देशक शक्ति सामंत| उनका शैक्षणिक जीवन देहरादून और कोलकाता में बीता| ज्ञातव्य
है कि आराधना (1969), अनुराग (1972) और अमानुष (1975) जैसी फिल्मों के लिए 3 फिल्मफेयर बेस्ट फिल्म का अवार्ड हासिल करने वाले शक्ति सामंत जी ने बहू, इंस्पेक्टर, हिल स्टेशन जैसी
फिल्मों का निर्देशन करने के बाद 1957 में अपने बैनर श्रीशक्ति फिल्म्स को स्थापित किया| 1958 में अपने बैनर तले शक्ति सामंत द्वारा निर्देशित फिल्म आई हावड़ा ब्रिज जो
अत्यंत हिट रही और इसने शक्ति सामंत जी को इंडस्ट्री में पूरी तरह से स्थापित कर
दिया| इसके बाद डिटेक्टिव, इंसान जाग उठा, जाली नोट, सिंगापुर, इसी का नाम दुनिया है, नॉटी बॉय, चाइना टाउन और एक राज़ जैसी फिल्मों में भी उनकी खासी प्रशंसा हुई| बाद में 1964
में आई फिल्म कश्मीर की कली ने शक्ति सामंत दा को इंडस्ट्री में अच्छा-खासा नाम और
दाम दोनों दिया| फिर तो शानदार फिल्मों की शक्ति दा ने झड़ी लगा दी मसलन सावन की घटा, एन इवनिंग इन पेरिस, आराधना, कटी पतंग, पगला कहीं का, जाने अनजाने, अमर प्रेम, अनुराग, चरित्रहीन, अजनबी, अमानुष, महबूबा, अनुरोध, आनंद आश्रम, द ग्रेट गैम्बलर और बरसात की एक रात| गौरतलब है कि सामंत दा 5 वर्षों तक इंडियन मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट, 7 वर्षों तक सेंट्रल बोर्ड ऑफ़
फिल्म सर्टिफिकेशन के चेयरमैन और 2 वर्षों तक सत्यजीत रे फिल्म एंड
टेलीविजन इंस्टिट्यूट-कोलकाता के चेयरमैन भी रहे| 9 अप्रैल 2009 को मुंबई में कालजयी फ़िल्में देने वाले इस
दिग्गज फिल्मकार को काल ने अपने आगोश में ले लिया लेकिन अपनी फिल्मों के जरिये
शक्ति सामंत दा हमेशा के लिए अमर हो गए| आज इस महान व्यक्तित्व की पुण्यतिथि पर इन्हें
भावभीनी श्रधांजलि !!!