आज कल ओझल हो गयी है हिंदी एसे
महिलाओं के माथे से बिंदी जैसे
कभी जो थोड़ा बहुत कह सुन लेते थे लोग
अब उनकी शान में दाग हो हिंदी जैसे
लगा है चसका जब से लोगों अंगरेजियत अपनाने का
अपने संस्कारों को दे दी हो तिलांजलि जैसे
अब तो हाय बाय के पीछे हिंदी मुँह छिपाती है
मात्र भाषा हो के भी लज्जित हो रही हो जैसे
है गौरव हमें बहुत आज एक शक्तिशाली देश होने का
पर अपनी पहचान हिंदी को हमने भूला दिया हो जैसे
आज हिंदी दिवस पर हमें हिंदी याद आयी एसे
हमारे पूर्वजों को दे रहे हो श्रद्धांजलि जैसे
आज कल ओझल हो गयी है हिंदी एसे...
This blog is about Hindi Inspirational Poems based on day to day Life. We all have seen good and bad times both. Few people stop moving on in their lives after getting effected with it. My blog Archana Ki Rachna carries different shades of life in form of poetry to motivate all those who need a guide, a mentor, a friend to come over from past which we can not change. You can relate with my poems very easily. If anybody rejoice or get motivated after reading it, that would be my pleasure.