आज हम संपूर्ण भारत वर्ष में हिंदी दिवस के रूप में मना रहे है! लेकिन 1 ना दबाकर 2ही हमें क्यों दबाना पड़ता है क्या हमनें कभी इस बारे में विचार किया है और किन कारणों से हमें हमारी मातृभाषा 1 ना दबाकर उसे 2नंबर पर रखा गया है पहले नंबर पर अंगेजी है और बोला जाता है कि अंग्रेजी के लिये 1दबाये और हिंदी के लिये 2दबाए! क्या इसी बहाने हमनें अपनी मातृभाषा को खुद हम सभी ने एक पायदान नीचे धकेल दिया है!एक ना दबाकर हमें दो दबाना पड़ता है! क्यों हम अपनी मातृभाषा के लिये एक नहीं दवा सकते! दो ही हमें क्यों दबाना पड़ता है? इन सभी सवालों के जवाब अगर आप सभी दे तो ज्यादा बेहतर रहेगा और मैं चाहूँगा कि हमारी मातृभाषा के लिये दो ना दबाकर एक ही दबाना चाहिए! आप सभी इस पर ऐसे लेख लिये और अपनी विचारों को संपूर्ण भारत वर्ष के समक्ष लाए जिससे सभी को इसके बारे में सच पता चल सके!देखये जानते तो सभी है कि दो दबाना पड़ता है लेकिन कोई उस बारे में कुछ लिखने या उस बारे में बात करने कि क्यों नहीं सोचता है! क्या हम इतने गिर चुके है या हममें इतना साहस नहीं रहा है कि हम खुद कि मातृभाषा के लिये सच नहीं लिख सकते अगर नहीं लिख सकते फिर आप सभी के लिये हिंदी दिवस मनाने का कोई महत्व नहीं रहे जाता है! इसलिए अगर आप सभी चाहते है कि हिंदी दिवस सदियों तक यूँ ही मनाते रहे तो हमें हिंदी के लिये दो ना दबाकर एक दबाना चाहिए!मुझे उम्मीद है कि आप सभ is i
एक ना दबाकर हमें दो दबाना पड़ता है! क्यों हम अपनी मातृभाषा के लिये एक नहीं दवा सकते! दो ही हमें क्यों दबाना पड़ता है? इन सभी सवालों के जवाब अगर आप सभी दे तो ज्यादा बेहतर रहेगा और मैं चाहूँगा कि हमारी मातृभाषा के लिये दो ना दबाकर एक ही दबाना चाहिए! आप सभी इस पर ऐसे लेख लिये और अपनी विचारों को संपूर्ण भारत वर्ष के समक्ष लाए जिससे सभी को इसके बारे में सच पता चल सके!
देखये जानते तो सभी है कि दो दबाना पड़ता है लेकिन कोई उस बारे में कुछ लिखने या उस बारे में बात करने कि क्यों नहीं सोचता है! क्या हम इतने गिर चुके है या हममें इतना साहस नहीं रहा है कि हम खुद कि मातृभाषा के लिये सच नहीं लिख सकते अगर नहीं लिख सकते फिर आप सभी के लिये हिंदी दिवस मनाने का कोई महत्व नहीं रहे जाता है! इसलिए अगर आप सभी चाहते है कि हिंदी दिवस सदियों तक यूँ ही मनाते रहे तो हमें हिंदी के लिये दो ना दबाकर एक दबाना चाहिए!
मुझे उम्मीद है कि आप सभी इस बारे में जरूर कुछ ना कुछ लिखेंगे और पूरी कोशिश करेंगे कि हिंदी के लिये एक ही दबाया जाये!