20 मई 2018
मैंने साईकिल उठाई और चल दिया रोज़ रोज़ की ज़िंदगी की वही पुनर्वित्तीयो से तंग आकर आज मन कुछ नया करने को कहा सो मैंने अपना कैमरा , साइकिल व अपनी डायरी उठाई और चल दिया अनजान राहो पर | अपने यूनिवर्सिटी से मै यही कोई 1.5 किमी दूर आया था की सामन