खग! उड़ते रहना जीवन भर!
भूल गया है तू अपना पथ,और नहीं पंखों में भी गति,किंतु लौटना पीछे पथ पर अरे, मौत से भी है बदतर।खग! उड़ते रहना जीवन भर!मत डर प्रलय झकोरों से तू,बढ आशा हलकोरों से तू,क्षण में यह अरि-दल मिट जायेगा तेरे पंखों से पिस कर।खग! उड़ते रहना जीवन भर!यदि तू लौट पड़ेगा थक कर,अंधड़ काल बवंडर से डर,प्यार तुझे करने वाले ह