26 सितम्बर 2015
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D
धन्यवाद श्री बिलास सिंह जी एवं विजय कुमार शर्मा जी !
29 दिसम्बर 2015
धन्यवाद अर्चना जी !
29 दिसम्बर 2015
उत्कृष्ट पोस्ट
2 अक्टूबर 2015
दुष्यंत कुमार की बेहतरीन ग़ज़ल पेश करने का शुक्रिया.
27 सितम्बर 2015
मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ एक जंगल है तेरी आँखों में मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ.........bahut दिन बाद दुष्यंत जी को पड़ा
26 सितम्बर 2015