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जिगर का टुकडा

17 मई 2022

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रचनाएँ
मधुर एवं प्रेरक कहानियां
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स्वरचित कहानियां जो मनुष्य के जीवन के कुछ घटना क्रमों से सम्बंधित करके दिमागी विचारों से रची गई है। जिनका मुख्य उद्देश्य घटनाक्रमों से शिक्षा लेकर अपने जीवन में सुधार करके कुछ बदलाव करना इसके अतिरिक्त समाज में इस तरह के व्यवहारों को रोकना जो मानवता से परे हो । इसमें लिए गये अंश मनुष्य को जीवन की सच्चाई से रू कराते हैं।
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जीवन के अंतिम दर्शन

2 मई 2022
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पैरों पर फटी धोती के टुकड़े से पट्टी बंधी हुई उसके ऊपर भिनभिनाती हुई मक्खियां तन्नननन-------- की आवाज से परेशान कर रही थी। शरीर पर मैले कपड़े जिनमें से आती हुई पसीने की दुर्गंध। चेहरे पर झुर्रियों के

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मुझे राजनीति नहीं आती

3 मई 2022
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चारों तरफ एक ही हवा चल रही थी। लोगों में जोश और उत्साह नजर आ रहा था। सभी लोगों के मुंह से एक ही बात न निकल रही थी इस बार भी राजनीति में कुर्सी पर कब्जा किये हुए लोगों का दबदबा रहेगा। कुछ नहीं होने वाल

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जिगर का टुकडा

17 मई 2022
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बचपन से बहुत चंचल और हंस मुख चेहरा लिए हुए घर के आंगन में खेलता हुआ सुनील बहुत ही प्यारा लगता था। उसके मुख की हंसी खिलते हुए चांद की तरह दिल को तार-तार कर देता था। उसके बचपन की यादें हर किसी के मन को

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वफादार जानवर

17 मई 2022
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मनुष्य के जीवन में मनुष्य के अलावा जानवर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस दुनिया में मनुष्य की नीयत चाहे बदल जाये लेकिन जानवर अपनी नीयत कभी भी नहीं बदलते हैं । वे अपने मालिक प्रति पूरी इमानदारी और

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मां का प्यार

18 जनवरी 2023
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मां का प्याररजनी अपनी काली चादर समेटकर अपने घर की ओर जा रही थी। मुर्गे ने बोलना शुरू किया तो लोगों के हर दिन जगने का संकेत हो गया था। पेडों पर चिड़ियों के चहचहाने की आवाज घर की खिड़कियों से निकलकर सीध

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मुझे मम्मी पापा की याद आ गई

18 जनवरी 2023
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सोनम मन में फूली नहीं समा रही थी वह मन में सोच रही कि मेरी शादी होने वाली है। मैं दुल्हन बनकर कितनी सुंदर लगूंगी।वह कल्पना के सागर में गोते लगा रही थी। तभी एक आवाज आई।मां:- क्या कर रही है। तेरे पिताजी

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बाल विधवा

18 जनवरी 2023
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सरला एक सुन्दर, सुशील और मेहनती लड़की थी। जब वह बहुत छोटी थी बहुत ही चंचल और चतुर स्वभाव की थी। उसे कभी भी अन्य बच्चों की तरह लड़ते-झगड़ते और व्यर्थ की शरारतें करते नहीं देखा।उसने प्रारंभिक शिक्षा अपन

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मां की ममता दफन हो गई

18 जनवरी 2023
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भोर के समय बहुत ही आनंददायक समय होता है। इस समय के मौसम के मिजाज का क्या कहना। मन को लुभावना और आंखों को एक गहरी नींद देने वाला होता है।गांव में लोग सुबह चार बजे ही बिस्तर छोड़ देते हैं,क्योंकि उन्हें

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