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निजीकरण पर व्यक्तिगत विचार

8 नवम्बर 2022

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सरकारी उपक्रमों, सरकारी नौकरियों और सरकारी व्यवसाय को जो पूर्ण रूप से सरकारी या सार्वजनिक सेवा के तहत काम कर रहे हो किसी निजी कंपनी या निजी संगठन के हाथों में सौपना ही निजीकरण है।
हालांकि निजीकरण के अच्छे और बुरे दोनों परिणाम हो सकते हैं लेकिन मैं अपने अनुभव के आधार पर इसका विश्लेषण करूं तो निजीकरण के तहत किसी भी सेवा को सौंपने से पहले उसकी विश्वसनीयता और उसकी गुणवत्ता की परख अत्यंत आवश्यक है क्योंकि जिस तरह से देखा जा रहा है निजीकरण के दौरान दी गई गई नौकरियों से लोगों का शोषण किया जा रहा है। कंपनियां दिखावे के लिए अपने कागजात पूरे करती है लेकिन उन्हें पूरा वेतन और पूरी सुविधाएं देने में चोरी या धोखाधड़ी कर रही है निजी कंपनियों के मालिकों या अधिकारियों के द्वारा सरकारी श्रम कानून के अंतर्गत मजदूरी का भुगतान नहीं किया जाता है।
इस डिजिटलीकरण की दुनिया में उसके खाते में नियमानुसार वेतन और भत्ते स्थानांतरित कर दिये जाते हैं लेकिन उन लोगों के द्वारा उनके खाते का विवरण और ए टी एम खुद रख लेते हैं जो वेतन भुगतान के बाद उनके खाते से निकालकर उन्हें खुद देते हैं।
निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को अपनी नौकरी जाने के डर से उनकी हर बात को मानने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
यह विचार में बनावटी तौर पर नहीं कह रहा हूं बल्कि यह मैं खुद अपनी आंखों से देख चुका हूं।
इसके अलावा निजी कंपनियों के द्वारा सुविधा के नाम पर अपनी सेवा के नाम पर जनता से मनमानी कीमतें वसूली जाती है जो आम आदमी के जेब पर पड़ने वाला एक अतिरिक्त बोझ है।
यदि निजी कंपनियों के द्वारा सभी काम ईमानदारी से करें तो उसके लाभ कुछ अलग ही होंगे लेकिन कुछ सरकारी अफसरों एवं कुछ एजेंटों के द्रारा निजीकरण की पूरी कमर तोड कर रख दी क्योंकि जब भी निजी कंपनियों में काम कर रहे लोगों के द्वारा कोई शिक़ायत की जाती है तो उसके एवज में कर्मचारियों को बुलाकर डरा धमकाकर या नौकरी से निकालने की धमकी देकर उन पर अवांछित आरोप लगा दिये जाते हैं और निजी कंपनियों के मालिकों द्वारा सरकारी और निजी अफसरों को पैसे के बल पर चुप करा दिया जाता है।
सभी राजनीतिक और प्रशासनिक लोगों के द्वारा निजीकरण के फायदे अवश्य गिनाए जाते हैं लेकिन जो फ़ायदे लोगों को गिनाये जाते जो वास्तविकताओं से काफी परे है।
उससे देश की प्रगति में योगदान का पता नहीं बल्कि उसके साथ साथ मंत्री और अफसरों की कमाई अवश्य बढ़ गई लेकिन गरीब व्यक्ति का शोषण बढ़ने लगा है।
इसके अलावा इस समय मंहगाई की दुनिया में एक व्यक्ति को जिंदगी जीना बड़ा ही मुश्किल हो रहा है उस समय में एक कर्मचारी को 10 से पंद्रह हजार की नौकरी में पालन करना बहुत ही मुश्किल है। जिस कंपनी के द्वारा एक कर्मचारी को पंद्रह से बीस हजार का वेतन रखा गया उसे बीच के अफसरों और पर्यवेक्षकों से खाने पीने के बाद दस बारह हजार बड़ी मुश्किल से मिल रहे हैं इसके बाद यदि किसी को मिल भी रहे हैं तो उसे अपनी दो से तीन साल की नौकरी के लिए लाखों रूपये की कीमत घूसखोरी के रूप में चुकाना पड़ रहा है।

शोषण होता देख दीन का , आंखें नम हो जाती है।
मोटी मुर्गी निर्बल से छीन कर , यहां दाना खाती है।।
मुफ्त की रोटी खाने के, सम्मानित भिखारी बढ़ रहे हैं।
घूसखोरी , भ्रष्टाचारी के , किस्से दुनिया में बढ़ रहे हैं।।

निजीकरण का लाभ उठाकर,जनता का खून जो चूस रहे।
मनमानी करते सेवा में, गुणवत्ता से समझौते हो रहे।।
महंगाई की मार पड़ रही ,आम जन की आंखों में आसूं है।
जो देश लुटेरे लूट रहे , उनकी हर योजना धांसू है।।

बेरोजगारी की दुनिया में , बेरोजगार मजबूर हुआ।
रोजगार की खातिर दुनिया में,हर शोषित मजबूर हुआ।।
नौकरी का जोर दिखाकर , लोगों की जिंदगी से खेल रहे।
अत्याचार सहन करके लोग यहां , अप्रत्यक्ष फांसी पर झूल रहे।

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रचनाएँ
दैनिक प्रतियोगिता नवम्बर-2022
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इसमें दैनिक विषयों पर मेरे व्यक्तिगत विचार प्रकट किए जायेंगें जो गद्य और पद्य दोनों विधाओं पर हो सकते हैं।
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गुजरात की मोरबी पुल दुर्घटना

1 नवम्बर 2022
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श्रृद्धांजलि अर्पित करता, आत्मा की शांति चाहता हूं।मोरबी की मौतों को, अश्रुपूरित शोक व्यक्त करता हूं।लाशों को देख यहां पर, असहनीय पीडा होती है।भारत माता अपने लालों को, खोने से यहां रोती है दोषी क

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डिजिटल मुद्रा

2 नवम्बर 2022
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डिजिटल मुद्रा एक ऐसा रूप है जिसका मूर्त रूप नहीं होता है। यह एक ऐसी मुद्रा है जिसके माध्यम से वस्तुएं और सेवाएं इंटरनेट के माध्यम से आनलाइन खरीदी जाती है।इसमें विभिन्न बैंकों के द्वारा एक खाता खोला जा

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5G तकनीक:लाभ और प्रभाव

3 नवम्बर 2022
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सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लगातार वृद्धि होती जा रही है जिससे लोगों को विकसित और तीव्र गति की इंटरनेट सुविधा की जरूरत लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना के बाद तो एक बच्चे से लेकर एक वृद्ध व्य

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देवउठनी एकादशी

4 नवम्बर 2022
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हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन से बरसात के मौसम की विदाई और देवों के जागने का समय होता है जिसके कारण हिन्दू धर्म में शादियां शुरू हो जाती है।इससे पहले हिन्दू धर्म की

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वैश्विक जलवायु परिवर्तन

5 नवम्बर 2022
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वर्तमान में वैश्विक स्तर पर जलवायु का परिवर्तन एक बहुत बडी समस्या बनती जा रही है।पृथ्वी पर बढ़ता तापमान और असीमित और अवांछित बरसात, हिमस्खलन, हिमपात जैसी समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है ।इन

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समान नागरिक संहिता

6 नवम्बर 2022
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समान नागरिक संहिता एक ऐसा कानून है जो सभी धर्मों के नागरिकों को व्यक्तिगत स्तर पर, सम्पत्ति के संग्रहण और अधिग्रहण पर,तलाक विवाह और गोद लेने वाले तथ्यों पर समान रखने का अधिकार देता है।एक पंथनिरपेक्ष र

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कार्तिक पूर्णिमा /गुरु नानक

7 नवम्बर 2022
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खिलता यह चांद,जब गगन में चमकता है।तम का करता है नाश,अंधेरा स्वयं ही छंटता है ।सीखना है मनुज,जिंदगी में कुछ सीख लो।अपने बुद्धि विवेक से,अंधकार को छांट दो।रात है कार्तिक पूर्णिमा की,नानक के जयंती का दिन

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निजीकरण पर व्यक्तिगत विचार

8 नवम्बर 2022
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सरकारी उपक्रमों, सरकारी नौकरियों और सरकारी व्यवसाय को जो पूर्ण रूप से सरकारी या सार्वजनिक सेवा के तहत काम कर रहे हो किसी निजी कंपनी या निजी संगठन के हाथों में सौपना ही निजीकरण है।हालांकि निजीकरण के अच

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आरक्षण

9 नवम्बर 2022
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आरक्षण एक ऐसा प्रावधान है जिसमें पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अनुसूचित जातियों का सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन दूर करने का प्रावधान है।पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अनुसूचित जातिय

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जातिवाद और धर्म भेदभाव

10 नवम्बर 2022
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जाति और धर्म का , जो जहर घोल रहे हैं।जो मानव की कीमत ,जाति धर्म से तोल रहै है।इंसानियत के लिए ,वे जमीर बेच चुके हैं।स्वहित की खातिर,वे जन प्रेमहीन हो चुके हैं।धरा एक है गगन एक है,मानव तन की सांसे

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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

11 नवम्बर 2022
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शिक्षा है इंसान की शोभा,अंधकार जीवन का मिटाये।सद्गुण, संस्कार दे जीवन को,अलंकार जन मन कहलाये।।देश प्रगति शिक्षा पर निर्भर,शिक्षा से विकसित मन होता।शिक्षित जन देश की ताकत,धरती से अम्बर तक पहुंचा।।हर जन

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भ्रष्टाचार मुक्त भारत

12 नवम्बर 2022
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भ्रष्टाचार मुक्त बनाओ भारत , संकल्प उठाओ मिलकर सब।शासन और प्रशासन में , ईमानदार बन कर्तव्य निभाये सब।जागरूक हो जाओ जन,यह राज तुम्हारा।भ्रष्टाचारी विरूद्ध आवाज उठाओ,जो शोषण कर रहा तुम्हारा।।ज

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T-20 कप 2022

13 नवम्बर 2022
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उम्मीद लगाकर बैठे थे,जो पलभर में टूट गई।विश्व विजेता बनने की,आशा दिलों से टूट गई।। हम जिनके बल पर,दम भरते थे।जीत की खुशियां,मन रखते थे।वे शेर हुए घायल,जंग हार गए।देश के हर जन के,सपने बेकार गए।।जि

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बालदिवस

14 नवम्बर 2022
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स्वच्छ जल की तरह निर्मल बच्चे।शुद्ध मन से जीवन जीते हैं बच्चे।।दोष,दंभ नहीं उनके जीवन में।मुस्कान रहती है उनके सुंदर मन में।।सभी के मन लुभाकर अपना बना लेते हैं।खिलते फूल की तरह मधुकर बन जाते हैं।।खिलत

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जनसंख्या वृद्धि

15 नवम्बर 2022
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विकट समस्या हो रही ,बढ़ती हुई आबादी से।बेरोजगारी की फैली बीमारी,बढ़ती हुई आबादी से।।स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हैं,बीमारी से लडते लोग।अस्पतालों में भीड़ लगी है,इलाज बिना मरते हैं लोग।।जगह नहीं बची लोग

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जादुई दुनिया

17 नवम्बर 2022
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किरदार है अलग-अलग, निभाने है वक्त के साथ।जादुई है यह दुनिया,मनुज तेरे चरित्र तेरे है साथ।।आंखों को चकमा दे ,जो तुम्हें चमत्कार दिखाते हैं।वह सच्चाई नहीं है मनुज, हकीकत वे छुपाते हैं।।लोगों को गुमराह क

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आखिरी इच्छा

18 नवम्बर 2022
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आखिरी इच्छा है मेरी ,हर मनुज खुशहाल रहे।सुख समृद्धि हो जगत में,एक-दूजे में प्यार रहे।।आदर्शों का अनुसरण करें जन, परहित के कुछ काम करें।सुख चैन सदा रहे अमन में,मानवता के काम करें।संस्कृति और संस्कारों

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2056 की दुनिया

19 नवम्बर 2022
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मनुष्य नहीं संभला अगरप्रकृति का भयंकर रूप होगा।।भव भयंकर संकट होगा,2056 बहुत भयंकर होगासघन जनसंख्या सघन यातायातऔर विरल जंगल होते जा रहे हैंवैश्विक तापमान, वैश्विक जलवायुहर नई भोर के साथ बढ़ती जा

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महिला हिंसा उन्मूलन

25 नवम्बर 2022
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अन्तर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएंदुनिया के हर देश में महिलाओं के साथ हो रहे हिंसात्मक कार्य एक बेहद निन्दनीय घटना का उदाहरण है। वर्तमान में महिलाओं के सारा दहेज उत्पीडन, ब

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26/11 मुंबई आतंकी हमले

26 नवम्बर 2022
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भयावह थी घटना, उन दरिंदों को खौफ नहीं था।चीखें थी भयभीत जनों की, वह दिन बेख़ौफ़ नहीं था।मनमानी करने उतर गये, निर्दोषों को संहार किया।मानवता नहीं थी दिल में, दैत्य सम व्यवहार किया।।मौत सामने खड़ी

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अंतर धार्मिक सद्भाव

27 नवम्बर 2022
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मैं हिन्दू हूं मैं मुस्लिम हूं,मैं जैन सिख ईसाई हूं।मैं यह नहीं समझता कभी,भारत मां की परछाईं हूं।।मैं वह मानव हूं धरती पर,जो विचारों से खंडित होता हूं।इसलिए मैं इस धरती पर,जाति, धर्मों से मंडित होता ह

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शिक्षा का बाजारीकरण

28 नवम्बर 2022
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दुनिया के हर देश में गरीबी उपलब्ध है लेकिन ग़रीबी इस दुनिया से कम होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि लोगों की हालत में सुधार लाने के लिए कई प्रयास भी किए जा रहे हैं।लेकिन जिस प्रकार के प्रयास स

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शिक्षा का बाजारीकरण

28 नवम्बर 2022
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मनमानी का खेल चल रहा,शिक्षा अब व्यापार बनी।जनता की गाढ़ी कमाई,शिक्षा के लिए अब लूट बनी।।सरकारी स्कूलों में ,शिक्षा का बेहाल हुआ।कर्तव्य से विमुख हुआ मानव, कर्तव्य का दुरूपयोग हुआ।।निजी शिक्षालय लूट रह

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मीडिया की स्वतंत्रता

29 नवम्बर 2022
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जनता को जनता की खबरें, मीडिया बताती है।खुशी और गम के संदेश, मीडिया सुनाती है।।देश-विदेश की खबरें बताएं, तरोताजा हर सुबह बनाएं।टी.वी., अखबार, सोशल मीडिया, खबरों के माध्यम बनाए।।करती रूबरु पल-पल से,वक्त

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सरकार और न्यायपालिका

30 नवम्बर 2022
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न्यायपालिका विश्वास खोती जा रही है।फैसलों से जनता असंतुष्ट होती जा रही है।।रूपयों से जज वकील बिक रहे हैं।सच्चाई के बोल थक रहे हैं।।दोषी की सजा माफ हो रही है।अंधा है कानून सत्यता खो रही है।।पीड़ित लोग

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