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इकरारनामा भाग 2

12 नवम्बर 2021

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रिधान आदित्य और बाकी के स्टाफ के साथ वँहा सबके बीच आ गया । सब बिजनेसमैन उसे देखकर अपनी जगह से खड़े हो गए । हर कोई उससे बात करना चाहता था मिलना चाहता था । पर रिधान उससे ही हाथ मिला रहा था जिससे वो मिलना चाहता था । एक्साइटमेंट में मि जोशी भीड़ को चीरते हुए आए और अपना हाथ निकालकर बोले - हैलो मि सिसोदिया । इट्स संजय जोशी । जोशी इंडस्ट्रीज का मालिक । मैं आप....!
वो पूरा बोल ही नही पाए थे कि रिधान ने अपनी हथेली उनके सामने कर दी । मि जोशी खामोश रह गए तो रिधान  उनसे हाथ  मिलाए बिना ही आगे बढ़ गया और सबसे आगे की रॉ में जाकर बैठ गया । मि जोशी वापस अपनी जगह पर आए तो मि वर्मा व्यंग्य से बोले - क्या हुआ मिल आए मि सिसोदिया से । मीटिंग भी फिक्स हो गयी होगी ।
मि जोशी ने उन्हें घूरकर देखा तो वो व्यंग्य से होंठ टेढ़े कर अपनी जगह पर बैठ गए । बाकी सारे बिजनेसमैन भी अपनी अपनी जगह बैठ गए । मि शर्मा रिधान की बगल में बैठते हुए जबड़े भींचकर बोले - तुमने ये विला छीनकर अच्छा नही किया रिधान । मेरी बेटी का सपना था ये विला।
रिधान बिना उनकी तरफ देखे सामने देखते हुए सधी हुई लेकिन थोड़ी घमंडी आवाज में बोला - दूसरों के सपने छीनने में जो सुकून है वो दुनियां की  किसी  चीज में नही मि शर्मा।
मि शर्मा चेयर के हत्थे पर मारते हुए - मुझसे दुश्मनी तुम्हे बहुत महंगी पड़ेगी रिधान । मैं सिर्फ दिखने में शरीफ हु अंदर से पूरा कुत्ता हु । तू सोच भी नही सकता तेरा क्या हाल कर सकता हूं मैं ।
रिधान चेयर के हत्थे पर उंगलियां नचाते हुए बोला - सस्ती चीजों का मुझे शौख नही पर मुझसे दुश्मनी रख सके तेरी इतनी औकात भी नही शर्मा ।
मि शर्मा ने उसे घूरा तो रिधान उसकी तरफ गर्दन घुमाकर उसकी आँखों मे देखते हुए व्यंग्य से बोला - वैसे तू अंदर से ही नही बाहर से भी कुत्ता नजर आता है । कुत्ता तो चलो फिर भी वफादार होता है तूने तो अपने मालिक को मारकर उसका कारोबार हड़पा है तू तो कुत्ता कहलाने लायक भी नही ।
मि शर्मा गुस्से से उबलते हुए - यू,,,,,!
रिधान ने उनकी तरफ ध्यान दिए बिना अपने होठो पर उंगली रख कहा - शशशशश ! सामने देख कैसे तेरी बेटी का सपना मेरे पैरों तले रुन्धता नजर आएगा ।
मि शर्मा गुस्से से सामने देखने लगे तो रिधान आराम से चेयर पर बैठ गया और आदित्य की तरफ देखकर मुस्कुरा दिया ।
आदित्य अपना सर झटककर बड़बड़ाया - ये कभी नही सुधर सकता । क्या जरूरत थी 200 करोड़ का विला 400 करोड़ में खरीदने की । पता नही दूसरों के सपने छीनने में क्या मजा आता है इसे । कितना सीधा था पहले सिर्फ एक लड़की ! एक लड़की किसी आंधी की तरह आई और तूफान की तरह इसकी जिंदगी से चली गयी पर साथ मे पुराने रिधान को भी उड़ा ले गयी । अब बस बचा है तो इमोशनलेस , पत्थरदिल रिधान । उसने इसके सपने तोड़े तो ये दुनिया वालों से सपने छीनना शुरू कर दिया ।
आदित्य फिर से शुरू हो चुके ऑक्शन की आवाज सुनकर होश में आया ।

जो पहले बोली अनाउंस कर रहा था वो आदमी फिर माइक के सामने खड़ा होकर बोलने लगा - जैसा की ये विला पहले 300 करोड़ पर शर्मा जी के नाम हो रहा था अब मि सिसोदिया ने 400 करोड़ में अपने नाम कर लिया है । आप मे से कोई 400 करोड़ के ऊपर की बोली लगाना चाहता है तो लगा सकता है । 400 करोड़ एक ,,,,,,, 400 करोड़ दो,,,,,,,और 400 करोड़ तीन । आज से ये शानदार सिंघानिया विला हुआ सिसोदिया एम्पायर्स का । कोंग्रेच्यूलेशनस मि रिधान सिसोदिया । आज से ये विला आपका हुआ ।
माहौल में तालियां गूंज  ऊठी ।  रिधान अपनी जगह से उठा और कागजात पर साइन कर दिए । मि शर्मा के लिए अब वँहा रुकना नागवार हो रहा था । वो रिधान को घूरते हुए गुस्से में वँहा से निकल गए ।

रिधान उनको जाते देख पराऊडली मुस्कुरा दिया । सारी फॉर्मेलिटीज पूरी होने के बाद भीड़ जब रिधान को बधाई देने आने लगी तो उन सबको इग्नोर कर रिधान विला के अंदर चला गया । सब लोग मन मारकर आदित्य को बधाई देकर वँहा से जाने लगे । सबसे विदा लेकर आदित्य अंदर आया तो देखा रिधान अपने स्टाफ के साथ उस विला तो होटल में कन्वर्ट करने की प्लानिंग कर रहा था । आदित्य ने इधर उधर नजर दौड़ाई तो उसे एक औरत और उसके दो बच्चे पनीली आंखों से अपने बैग्स के साथ हॉल से निकलते नजर आए। आदित्य उस तरफ बढ़ गया - मैम आप मिसेज सिंघानिया है ना ।
औरत ने रोते हुए हां में सर हिलाया । आदित्य ने देखा उनके साथ जो लड़का था वो मुश्किल से 15 - 16 साल का होगा और लड़की उससे भी कम उम्र की । तीनों रो रहे थे । अब अचानक सर से छत चली जाए तो इंसान टूट ही जाता है ।
आदित्य को उनसे हमदर्दी हुई तो बोला - आप लोग कंहा जाएंगे इस वक्त ।

मिसेज सिंघानियां आंसू पोंछकर अपने हाथ मे पकड़ी तश्वीर देखकर बोली -  बाल बाल कर्ज में डूबने से इन्होंने तो सुसाइड करके इन सब झमेलों से छुटकारा पा लिया । ले देकर ये घर बचा था । आज ये भी नीलम हो गया । ससुराल और पीहर में सबने मुह मोड़ लिया । समझ मे ही नही आ रहा कंहा जाना है कंहा नही । अभी तो इतना  जानती हु की अब यंहा हमारा कुछ नही इस जगह को खाली करना है बस ।
बोलते बोलते वो रो पड़ी और साथ ही में बच्चे भी रो पड़े ।
आदित्य को उनपर दया आई तो उसने जेब से कार्ड निकालकर उनकी तरफ बढ़ा दिया - इस जगह चली जाइये आप । मेरा नाम ले देना वो आपके रहने का इंतजाम कर देंगे । शाम तक मैं भी मिलने आ जाऊंगा फिर देखते है आगे क्या करना है ।
मिसेज सिसोदिया असमंजस में देखने लगी - आप हमारी मदद क्यूँ करना चाहते है ।
आदित्य - सिर्फ इंसानियत के नाते । मैं नही चाहता आज आपको यंहा से इस तरह टूटकर जाता देख लोगों का इंसानियत पर से भरोसा उठे । विश्वास रखिये मैम एक रेपुटेटेड फेमिली से हु । संस्कार बहुत अच्छे मिले है मुझे । कुछ गलत नही होगा आपके साथ ।
मिसेज सिंघानियां का दिल आदित्य पर भरोसा करने को कर रहा था तो उन्होंने कार्ड ले लिया । वैसे भी इसके सिवा उनके पास चारा भी नही था । आदित्य से कार्ड लेकर जाने लगी तो उनकी नजर सामने एक पेंटिंग पर गयी । वो उस तरफ बढ़ी और पेंटिंग को छूते हुए रिधान से बोली - अगर आप इजाजत दे तो क्या मैं ये पेंटिंग अपने साथ ले जा सकती हूं ।
रिधान ने एक नजर उन्हें देखा और बिना किसी भाव से बोला - हम्म।
मिसेज सिंघानियां ने खुश होते हुए पेंटिंग निकाल ली और आदित्य की तरफ देखकर बोली - ये हमारी पहली एनिवर्सरी का गिफ्ट था उनकी तरफ से । बहुत प्यार करते थे मुझे । उस दिन बहुत प्यार से दिया था उन्होंने इसमे कैलीग्राफी से लिखा हुआ है आई लव यू माय लाइफ - माय वाइफ ।
आदित्य ने सुना तो अपना  माथा पीट लिया । मिसेज सिंघानियां कुछ समझ नही पायी । उन्होंने जाने के लिए कदम बढ़ाया तो रिधान कड़क आवाज में बोला - एक मिनट ।
आदित्य ने अपने होठ अफसोस में दबा लिए । रिधान ने बिना कुछ कहे उनके हाथ से पेंटिंग छीनी और दीवार पर दे मारी । पेंटिंग कांच में जड़ी हुई थी जिससे कांच के टुकड़े टुकड़े हो गए । दोनो बच्चे डर से आदित्य के पीछे छुप गए तो वंही मिसेज सिंघानिया आवाक रह गयी । रिधान ने अपने एक स्टाफ मेम्बर की तरफ हथेली बढ़ाई - लाइटर ।
उस मेम्बर ने चुपचाप लाइटर दे दिया तो रिधान ने बिना देर किए लाइटर जलाकर उस पेंटिंग पर फेंक दिया । मिसेज सिंघानिया रोते हुए आग बुझाने की कोशशि करने लगी पर वो नही बुझी ।
रिधान ने उसके आंसू पर ध्यान दिए बिना अपने स्टाफ से कहा -  इस घर में बसी हर मोहब्ब्त की निशानी जलकर राख हो जानी चाहिए अगर कुछ भी बचा तो तुम लोगों को  जलने में समय नही लगेगा ।
स्टाफ मेम्बर्स ने डरकर थूक गटक लिया । रिधान ने गॉगल लगाया और बाहर की तरफ कदम बढ़ा दिए । उसे जाता देख बॉडी गार्ड्स भी पीछे हो लिए । मिसेज सिंघानियां ने आदित्य की तरफ देखा तो उसने अपने दोनों हाथ पेंट की जेब मे डालकर सदी हुई आवाज में कहा - आप ये पेंटिंग लेकर चुपचाप निकल जाती मैम आपको प्यार मोहब्ब्त का जिक्र नही करना था ।
मिसेज सिंघानिया अपने आंसू रोकने की नाकाम कोशिश करते हुए - क्यूँ !
आदित्य कुछ बोलता उससे पहले बाहर जाते रिधान की आवाज उनके कान में पड़ी - क्योंकि नफरत है मुझे मोहब्ब्त से ।
मिसेज सिंघानिया ने अपने आंसू पोंछे और कदम रोकक चुके रिधान के सामने आकर बोली - तुमने मेरे पति की एक प्यार की निशानी छीनी है फिर भी तुम्हे दुआ देती हूं कि कोई आए जिसकी मोहब्ब्त में तुम डूब जाओ । तुम्हे इतना प्यार करे कि तुम्हारी नफरत मोहब्ब्त में बदल जाए और तुम्हारी मोहब्ब्त की मिसाल दुनिया दे ।
रिधान ने गुस्से से अपनी कमर से गन निकालकर उन पर तान दी । दोनो बच्चे अपनी मां के लिए डर गए तो  आदित्य दौड़कर आया और रिधान के हाथ से गन छीनते हुए बोला -पागल हो गया है क्या ? बच्चे हैं यंहा पर ।
रिधान दो कदम बढ़ा और मिसेज सिंघानिया की आंखों में देखते हुए बोला - मोहब्ब्त का दरिया कितनाक गहरा होता है जानता हूं मैं , इश्क़ की क्या औकात है पहचानता हु मैं । पर अब किसी की इतनी औकात नही जो रिधान सिसोदिया को अपने मोहपाश में बांध सके ।
रिधान फुर्ती से निकल गया तो आदित्य मिसेज सिंघानिया के पास आकर बोला - आप उस एड्रस पर पहुंच जाना बाकी बातें वंही करते है ।
आदित्य भी रिधान के पीछे दौड़ पड़ा तो मिसेज सिंघानियां रिधान की पीठ देखते हुए बोली - तुम्हे एक दिन मोहब्ब्त जरूर होगी रिधान । जितनी नफरत है तुम्हे, उससे कंही ज्यादा मोहब्ब्त करोगे किसी से तुम । कोई तो होगी जो तुम्हे अपने मोहपाश में बांध सके ।

क्रमशः


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