रिधान गाड़ी की पिछली सीट पर आ बैठा और आदित्य ड्राइवर की बगल वाली सीट पर । बॉडीगार्ड्स बाकी की गाड़ियों में बैठ गए । ड्राइवर ने गाड़ी बिना कहे ऑफिस वाले रास्ते पर दौड़ा दी । रिधान ने गाड़ी में बैठते ही अपना लेपटॉप ऑन कर लिया और काम मे लग गया । आदित्य ने उसे एक नजर मिरर में देखा और फिर सामने देखते हुए बोला - मिसेज सिंघानिया को मैने बाबा के ओल्डएज होम भेज दिया है ।
रिधान लेपटॉप में नजर गड़ाए हुए - तो , क्या करू मैं ?
आदित्य भी बिना मुड़े ही बोला - भले ही तू कह नही रहा पर उन्हें बेघर करना तुझे भी अच्छा नही लगा मैं जानता हूं।
रिधान - अपने ख्याली पुलाव अपने तक रख । मेरी तरफ खुसबू भी आई तो जल जाएंगे । मुझे कोई फर्क नही पड़ता वो सिंघानिया का परिवार जिये या मरे ।
आदित्य मुह बनाकर बड़बड़ाया - हुंह ! स्टोन हार्टेड मेन ।
रिधान नजर स्क्रीन पर गड़ाए हुए - सुन रहा है मुझे ।
आदित्य तल्ख लहजे में - सुनाने के लिए ही बोल रहा हूं ।
रिधान उसे इग्नोर कर बोला - मिसेज सिंघानियां का ओल्डएज होम में क्या काम ? मुझे तो किसी एंगल से बूढ़ी नही दिखती।
आदित्य - बूढ़ी नही है पर बेघर हो गयी है । परिवारवाले साथ नही दे रहे । इसलिए मैने सोचा बाबा उसकी मदद कर देंगे ।
रिधान - जब उसका परिवार ही साथ नही दे रहा तो तू क्यू बीच मे सरपंच बन रहा है ।
आदित्य - क्योंकि मेरे अंदर दिल है जो दूसरों को परेशान देखकर दुखता है । तेरी तरह पत्थर नही हु मैं । जिसको किसी के दुख दर्द से फर्क ही नही पड़ता ।
रिधान थोड़ा तेज आवाज में बोला - हां नही पड़ता मुझे किसी के दुख दर्द से फर्क तो,,,,! बिजनेस में इमोशन्स नही स्किल्स काम आते है । तुम्हारी तरह इमोशनल फूल बनकर काम करता तो आज ये इतना बड़ा एम्पायर नही खड़ा होता । रिधान सिसोदिया सिर्फ एक नाम नही ब्रांड है ब्रांड जिसमे इमोशन्स की कोई जगह नही । ( पीछे सीट का सहारा लेकर आराम से बैठते हुए व्यंग्य से बोला ) वैसे भी दिमाग की जगह दिल से काम लेने वालों का नुकसान ही होता है ।
आदित्य - क्या नुकसान होता है । मेरा तो कोई नुकसान नही हुआ आज ।
रिधान लेपटॉप साईड रखते हुए - किसने कहा नही हुआ ...! ये जो चेरिटी की है ना आपने मि आदित्य वसिष्ठ इसकी भरपाई आपकी इस महीने की सैलरी काटकर की जाएगी ।
आदित्य हैरानी से पीछे पलटा और जैसे ही कुछ बोलने को हुआ कि रिधान आंख बंद करके बैठ गया और बोला - किसी भी बहस की गुंजाइश ही नही है । वरना आगे के कुछ महीनों की सेलेरी भी जा सकती है ।
आदित्य बेचारा मन मारकर बैठ गया । उसने किसी बच्चे की तरह मुह फुला लिया पर हर कोई रिधान तो होता नही की सारा रास्ता चुपचाप रहकर या काम कर के समय काट ले । आदित्य ने म्यूजिक सिस्टम ऑन कर दिया :
सारी रात आहें भरता
पल पल यादों में मरता
माने ना मेरी मन्न मेरा
थोड़े थोड़े होश मदहोशी सी है
नींद बेहोशी सी है
जाने कुछ भी ना मैं मेरा
कभी मेरा था
पर अब बेगाना है यह
दीवाना दीवाना समझे ना
कभी चुप चुप रहे
कभी गाया यह करे
बिन पूछे तेरी तारीफ़ें
सुनाया यह करे
लिरिक्स सुनकर रिधान ने फ्रंट मिरर से आदित्य को घूरा तो आदित्य भी मिरर में देखते हुए बोला - व्हाट !
रिधान उसे घूरता रहा तो आदित्य आराम से बोला - तेरे लिए नही है ये गाना खुद के लिए लगाया है । ज्यादा ही तकलीफ हो रही है तो कानो में ऊँगली ठूंस ले पर ये तो बन्द नही होंगे ।
रिधान वैसे ही घूरते हुए - ना बन्द होने का वाजिब कारण दे । वरना ये म्यूजिक सिस्टम मेरे एक मुक्के का भी नही है।
अब आदित्य उसे घूरने लगा तो रिधान अपनी नजर उससे हटाते हुए बोला - वाजिब कारण ।
आदित्य उसे घूरते हुए - मेरे 51 ब्रेकअप्स के दर्द पर मलहम है ये गाने । वो ब्रेकअप्स जो तेरी वजह से होते है।
रिधान हैरानी से - मेरे कारण !
आदित्य अब पूरा पीछे की तरफ मुड़ गया - हाँ तेरे कारण। तू ही है मेरे हर ब्रेकअप के पीछे । खुद किसी को पसन्द नही करता मुझे करने करने नही देता । लास्ट टाइम मेरी 51 वी गर्ल फ्रेंड सिया को क्या बोला था तूने - तुम्हारी मुछे तो आदि से भी बडी है । दोनो कॉफी शॉप जाओगे या बराबर शॉप , सीरियसली !
रिधान को हंसी आ गयी पर उसने होठों को गोल कर हंसी दबा ली - हां तो कौनसा गलत कहा था । उसकी मुछे सच मे तेरे से बड़ी थी । उसके आगे छिला हुआ अंडा लग रहा था तू ।
आदित्य बिफरते हुए - हाँ तो तुझे उससे क्या । उसके बाकी खर्चे उठता तो सेव भी करवा देता पर नही तूने तो मेरा रिश्ता टिकने नही देना । मुछो की बात तुमने की और सर के बाल वो मेरे उखाड़ कर चली गयी । 51 में से आधी तो तेरा नाम सुनकर मुझे छोड़ गयी और बाकियों को तू ऐसे ही बेइजत्ती करके निकाल देता है । खुद तो सिंगल मरेगा ही मेरा भी घर नही बसने देता । खडूस कंही का ।
रिधान उसे बिफरते देख आराम से बोला - क्या करेगा शादी करके । सिंगल लाइफ इज बेस्ट लाइफ । चुप चाप काम पर ध्यान दे । वैसे भी कहते है ना लड़की , बस ,ट्रेन एक जाति है तो दूसरी आती है । अब 52 वी का वेट कर ।
आदित्य - हां ताकि उसे भी तू भगा दे फिर क्या फिर 53 वी फिर 54 वी वैसे भी तूने किसी को टिकने तो देना नही है । खुद 32 का हो गया है । तुझे देखकर लगता है कि आगे के 32 साल भी शादी का ख्याल नही आने वाला तेरे दिमाग मे । कम से कम मैं तो बाबा को बहु लाकर दु ।
रिधान - तू और दादू ये शादी की बातें करके थकते नही हो क्या ? उनका टेप रिकॉर्ड भी शादी पर आकर ही रुकता है और तेरा रोना लगा ही रहता है ।
आदित्य नोटंकी कर रोनी सी सूरत बनाकर बोला - हां तो उनका पोता बुड्ढा होने लगा है फिर भी शादी का नाम नही लेता । अगर टाइम से शादी कर लेता तो उनके पड़ पोते पोतियां घर मे खेल रहे होते । जो मुझे चाचू - चाचू बुलाते। कितने अरमान है हमारे तेरी शादी को लेकर पर तुझे तो हम पर रहम ही नही आता ।
रिधान - अब अगर तेरी बकवास बन्द नही हुई ना आदि तो यंही पर तेरे अरमानों में आग लगा दूंगा । बड़ा आया चाचा बनने वाला ।
आदित्य आज पूरे मूड में था रिधान को परेशान करने के । वो अपनी सीट पर उछलते हुए बोला - तो फिर मुझे मौका दे । कम से कम मेरा घर बसने दे । मेरे छोटे छोटे चुनु - मुनु जब अपनी तुतलाती आवाज तुझे ताऊ - ताऊ बुलाएंगे तो कितने प्यारे लगेंगे ।
रिधान अब सच मे परेशान हो गया था - ओह्ह ! गॉड आदि ! जस्ट शट अप बहुत हो गया । गाने सुनने है सुन पर अपनी बकवास बन्द रख और वॉल्यूम कम रख।
आदित्य को रिधान की हालत पर हंसी आने लगी पर वो उसे रोकने की कोशिश करने लगा क्यूंकी वो जानता था अगर हंसा तो रिधान उसे चलती गाड़ी से बाहर फेंक देगा।
आदित्य ने चुप चाप वॉल्यूम कम की और गाने सुनने लगा। रिधान आंख बंद करके बैठ गया । गाना धीमी आवाज में था फिर भी बोल उसके कानों में पड़ ही रहे थे और ना चाहते हुए भी अत्तीत के पन्ने उसकी आँखों मे तैरने लगे ।
" आई लव यू री" (रिधान)
"आई लव यू टू वाणी"
अच्छा ! री तुम मुझे कभी छोड़कर तो नही जाओगे ना ।
कभी नही वाणी । पर तुम तो ऐसा नही सोच रही ना । देखो ऐसा सोचना भी मत वरना मैं बिखर जाऊंगा । बहुत प्यार करता हूं तुमसे ।
"ओह्ह कमऑन री ! इस जन्म में तो क्या अगले सात जन्म ,,,,! नही नही सात जन्म का वादा तो सब करते है । मैं तो तुम्हारा साथ हर जन्म में पाना चाहती हु । कितने भी जन्म ले लो मि सिसोदिया । ये वाणी आपका पीछा नही छोड़ेगी । हर जन्म में झेलना पड़ेगा मुझे ।"
दोनों एक साथ हंस दिए और फिर धीरे धीरे प्यार के हसीन पलों में डूब गए ।
अचानक ही रिधान की आंखों के सामने वो फोटोज आने लगे , फिर एक फोन कॉल , वो होटेल का कमरा और एक थप्पड़ की गूंज ।
तभी गाड़ी ने अचानक से ब्रेक लगाया तो रिधान को झटका लगा और उसकी आंख खुल गयी । वंही सीट बेल्ट होने पर भी आदित्य का सर धीरे से डेशबोर्ड से टकरा ही गया । रिधान गुस्से से ड्राइवर को घूरते हुए - व्हाट द हेल !
क्या तरीका है ये गाड़ी चलाने का ।
ड्राइवर डरते हुए - स,,,,सर वो लड़की अचानक से सामने आ गयी । सॉरी सर !
रिधान और आदित्य ने एक साथ सम्भलकर देखा तो उनकी गाड़ी के बोनट पर वो लड़की मुह के बल गिरी थी । किसी अनहोनी से जैसे ही दोनो बाहर निकलने को हुए की वो लड़की उठी। उसके बाल चेहरे पर आए हुए थे फिर भी उसकी गुस्से से भरी आंखे नजर आ रही थी । वो लड़की गुस्से से ड्राइवर को घूरने लगी और वैसे ही गिरे गिरे अपने चेहरे से बालों को फूंक मारकर हटाया । रिधान और आदित्य कुछ समझ पाते इससे पहले ही वो फुर्ती से उठी और आदित्य की साइड आकर मिरर पर जोर से हथेली मारकर बोली - ओय ! आंख के अंधे नाम नयन सुख बाहर निकल ।
क्रमशः