जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान में इमरान के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें नई दिल्ली और इस्लामाबाद में संबंध बेहतर होने की उम्मीद है | उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नक्शे कदम पर चलने की उम्मीद जाहिर की | वाजपेयी पड़ोसी देश के साथ संबंध बेहतर करना चाहते थे | अटल जी का कहना था कि दोस्त बदले जा सकते है पर पडोसी नहीं | श्रीनगर से सांसद फारूक अब्दुल्ला जो की श्रीनगर से सांसद भी है में अपने बयान में कहा कि,‘इमरान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद, हमें पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध बेहतर होने की उम्मीद है जो हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे मसले तभी हल हो पाएंगे, जब दोनों के बीच मित्रतापूर्ण माहौल होगा |’ फारुक अब्दुल्लाह ने यह बयान अपने पिता एवं पार्टी संयोजक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 36वीं पुण्यतिथि पर दिया जहाँ वो पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे | फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा,‘वाजपेयी जैसे आरएसएस और जन संघ नेता जब पाकिस्तान जा सकते हैं और कहते हैं कि भारत, पाकिस्तान को एक देश के तौर पर स्वीकारता है और उसके साथ दोस्ताना संबंध चाहते हैं तो मैं उम्मीद करती करता हूं कि देश के प्रधानमंत्री (मोदी) इस बारे में सोचेंगे और इस दिशा कदम उठाएंगे |’ ‘दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं... कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए फारूक ने मोदी को वाजपेयी जी बात को यद् करने को कहा | फारूक अब्दुल्ला ने ने कहा,‘हमें नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने (वाजपेयी) कहा था कि दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं और अगर हम पड़ोसियों के साथ दोस्तों की तरह रह पाएं तभी हम दोनों प्रगति करेंगे.’ हाल ही में भारत के उच्चायुक्त ने एक बयान जारी कर कहा था कि हमारा पड़ोसी देश हमारे साथ दोस्ताना सम्बन्ध बनाना चाहते है | अब्दुल्ला ने पूछा,‘अगर उच्चायुक्त यह कह रहे हैं तो क्या समस्या है. भारत इस दिशा में कोई कदम क्यों नहीं उठा रहा. वे इस देश को बचाना चाहते हैं या नहीं? या फिर हम केवल मुस्लिम और हिंदुओं के बीच नफरत ही चाहते हैं?’