रिपोर्ट्स की माने तो स्वामी परिपूर्णानंद आंध्र प्रदेश के काकीनाडा स्थित श्रीपीठम मठ के महंत हैं, उनके भाषण भी गोरक्षनाथ पीठ के महंत और तत्कालीन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ही तरह तेज-तर्रार और काफी हद तक भड़काउ भी होते हैं, अपनी हिंदूवादी छवि की लोकप्रियता के चलते वो तेजी से अपनी पहचान कट्टर हिंदू समुदाय में पैठ बना रहे हैं।
दक्षिण भारत के राज्य आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी के लिए स्वामी परिपूर्णानंद संत-राजनेता उम्मीद की किरण बनकर उभर रहे हैं,जिन्हें बीजेपी दक्षिण के योगी आदित्यनाथ बनाने में लगी हुई है।
स्वामी परिपूर्णानंद की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगया जा सकता है कि तेलंगाना पुलिस ने इनके हैदराबाद घुसने पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी, इसी मंगलवार 4 सितम्बर को स्वामी परिपूर्णानंद ढोल बाजो के साथ हैदराबाद पहुंचे थे, उनके साथ हजारों लोगों की भीड़ चल रही थी। आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हैदराबाद में परिपूर्णानंद के इस कार्यक्रम की अगवानी करते हुए स्वागत किया, हालांकि जुलाई 2018 में तेलंगाना पुलिस ने इनके हैदराबाद घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन फिलहाल आंध्र-तेलंगाना हाईकोर्ट ने पुलिस के इस आदेश को रद्द कर दिया, जिसकी वजह कही न कही परिपूर्णानंद की लोकप्रियता भी है। आपको बता दे कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भी इस आयोजन के इंतजाम में काफी सहयोग किया।
जिससे कयास लगाये जा रहे हैं, कि स्वामी परिपूर्णानंद राजनीति में प्रवेश कर सकते हैं।
धाराप्रवाह तेलुगु के साथ हिंदी बोलने वाले परिपूर्णानंद की आंध्र और तेलंगाना के अनुसूचित जनजाति समुदाय में अच्छी पकड़ है, साथ ही हिंदू समुदाय भी उनके प्रति अच्छी श्रद्धा रखती है।
शायद यही वजह है कि उनकी लोकप्रियता और अनसूचित जनजाति में अच्छी पकड़ के चलते
अगर बीजेपी उन्हें उम्मीदवार बनाती है, तो वो 2019 के चुनाव में जीत भी सकते हैं और पार्टी को वहां मजबूती से खड़ा भी कर सकते हैं।
वैसे तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजनीति में बीजेपी की कुछ बहुत मजबूत पकड़ नहीं है, ऐसे में बीजेपी नेताओं का मानना है कि तेलंगाना में खासकर ज्यादा जनसांख्यिक घनत्व (करीब 20 फीसदी मुस्लिम आबादी) को देखते हुए हिंदूओं को गोलबंद करना बेहद जरुरी है, ऐसे में स्वामी परिपूर्णानंद बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं, सूत्रों का दावा है कि बीजेपी उन्हें हैदराबाद से लगी कारवां या चंद्रायनगुट्टा विधानसभी सीट से टिकट दे सकती है, इसके साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में उन्हें सिकंदराबाद या मलकाजगिरि से चुनाव लड़ाया जा सकता है।