नवरुज मुबारक : आज 17 अगस्त को पारसी समाज का न्यू ईयर है, जिसे पारसी भाषा मे नवरोज या नवरुज भी कहते है। नवरुज पारसियों के सबसे प्राचीन त्योहारों में से एक है जो कि 3000 सालो से मनाया जा रहा है। पारसी सभ्यता भी लगभग 3000 साल पुरानी है।
पारसी लोग मूलतः ईरान से है और 7वी सदी में ईरान से भारत आये थे।
पारसी समाज का धार्मिक स्थान ( फायर टेंपल ) दुनियां में सिर्फ भारत और ईरान में ही है।
पारसी समाज विलुप्ती के कगार पर आ गया है, पारसी लोगो की जनसंख्या खत्म होते जा रही है। हालाँकि भारत सरकार उन्हें बचाये रखने के लिए कई तरह के स्कीम चला रही, जैसे कि जब भी पारसी परिवार में बच्चा पैदा होता है तो सरकार उन्हें धनराशि देती है, पारसी समाज मे देर से शादी करने का प्रचलन है जिस वजह से कई बार इन्फर्टिलिटी की समस्या आजाती है सरकार इस समस्या से निजात दिलाने की लिए "जिओ पारसी" स्कीम के तहत 5 लाख रुपये भी देती है इलाज के लिये ।
फिलहाल भारत में सिर्फ 60000 पारसी ही है जो कि 2020 तक लगभग 23000 तक ही रहेंगें ।
विलुप्त होते पारसी समाज के कुछ रोचक तथ्य जिन्हें जानकर आपको हैरानी होगी ।
1. पारसी समुदाय के लोग अपने काम को ही अपना सरनेम बना लेते है जैसे कि फर्नीचरवाला, चाँदीवाला, मोटोरवाला, कॉन्ट्रैक्टर इत्यादि।
2. पारसी लोगों की शरीर मौत के बाद जलाई या दफनाई नही जाती ,बल्कि गिद्धों के लिए छोड़ दी जाती है, इसके पीछे उनका मानना है कि मरने के बाद भी उनकी शरीर किसी के काम आ सके।
3. पारसी समाज की लड़कियां अगर कम्युनिटी से बाहर शादी करती है तो उनका बहिष्कार कर दिया जाता है।
पारसी कम्युनिटी के कुछ लोगो ने भारत मे इतना नाम कमाया है जिसकी बराबरी हर कोई नही कर सकता। इनमें टाटा, गोदरेज, से लेकर बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ भी शामिल है, जैसे बोमन ईरानी, जॉन अब्राहम । इन सभी ने पारसी समुदाय को नई ऊँचाई औऱ नई पहचान दिलाई है ।