मनीषा सिंह लेखिका युवा इतिहासकार अध्ययन -: तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ (प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति)भारत माता की कोख से एक से बढ़कर एक महान वीर ही नहीं बल्कि कई वीरांगनाओं ने भी जन्म लिया है जिन्होंने भारत माता की रक्षा के लिए अपने सर्वस्व सुखों का त्याग कर अपनी मातृभूमि कि पूरे मनोयोग के साथ र
ग्वालियर में तानसेन की समाधि पर इमली का एक पेड़ था। उसके बारे में प्रचलित हो गया कि उसकी पत्तियां खाने से गला सुरीला हो जाता है। नतीजा लोग इमली की पत्तियां तो खा ही गये, फिर जड़ें तक चाट गये।
दिल की कलाम से गीत इटिहास (1 99 7) समीर द्वारा लिखे गए हैं, यह दिलीप सेन-समीर सेन द्वारा रचित है और हरिहरन और अल्का याज्ञिक द्वारा गाया गया है।इतिहास (Itihaas )दिल की कलम से नया लिखेंगे (टाइटल सांग)की लिरिक्स (Lyrics Of Dil Ki Kalam Se )दिल की कलम से चाहत का हमपहला एहसास लिखेंगेदिल की कलम से चाह
'इतिहास' एक 1997 हिंदी फिल्म है जिसमें अजय देवगन, ट्विंकल खन्ना, सपना बेदी, शक्ति कपूर, अमृष पुरी, राज बब्बर, कंचन, नीलिमा अज़ीम, ब्रह्मचारी, अरुण बक्षी, अरुणा ईरानी, मोहनिश बहल और सुरेंद्र राजन प्रमुख भूमिका निभाते हैं। हमारे पास एक गीत गीत और इतिहास का एक वीडियो गीत है। दिलीप सेन-समीर सेन ने अपन
हम अकसर अपने पहले की जेनरेशन को खुद से पीछे मानते हैं, फिर वो पढ़ाई हो या फिर फ़ैशन. लेकिन हम ये भूल जाते हैं कि हम आज जहां भी हैं, इसमें सबसे बड़ा हाथ हमारे पीछे की जेनरेशन का ही है. हम आपको कुछ देशों के ऐसे ही फ़ैशन की तस्वीरें दिखाते हैं. लेकिन ये तस्वीरें आज की नहीं ह
1962... कोई भी भारतीय चाहकर भी ये साल और इससे जुड़ी घटना नहीं भूल सकता.1962 यानी कि युद्ध. भारत-चीन युद्ध, जिसे Sino-Indian War भी कहा जाता है. वो युद्ध जो टल सकता था, अगर रक्षा मंत्री वी.के.मेनन लेफ्टिनेंट जनरल थोराट की युद्ध होने की आशंका वाली बात को नज़रअंदाज़ न करते.
हे ईश्वर मालिक हे दाता, हे जगत् नियंता दिन बन्धु!हे परमेश्वर प्रभु हे भगवन्, हे प्रतिपपालक हे दया सिन्धु!!सच्चिदानंद घट घट वासी, हे सुखराशि करुणावतार!हे विघ्न हर्न मंगल मूर्त, हे शक्ति रूप हे गुणागार!!सभ्यता यशश्वी हो जाए, मानवता का फैले प्रकाश!सब दिव्य दृष्टि के पोषक हो, कर दो कुदृष्टि का सर्व् नाश
इतिहास गवाह रहा है कुछ महान घटनाओं का जिनके बारे में हमने सुना है, जिनके बारे में हमने पढ़ा है | वैसे ही इतिहास की कुछ दुर्लभ तस्वीरें जिन्हें कैमरे में कैद कर लिया गया है | 1. जुलाई 1888, जब एफ्फिल टावर का निर्माण हो रहा था | 2. टाइम्स स्क्वायर , न्यू यॉर्क , 19113. हिंडेनबर्ग त्रासदी, 19374. 19
!! भगवत्कृपा हि केवलम् !! *आदिकाल से ईश्वर की सत्ता सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में विद्यमान है | परंतु सृष्टि के प्रारम्भ से ही ईश्वरीय सत्ता को मानने वाले भी इसी ब्रह्माण्ड में रहे हैं जिन्हें असुर की संज्ञा दी गयी है | समय समय पर इस धरती पर ईश्वर की उपस्थिति का प्रमाण मिलता रहा है | उन्हीं प्रमाणों
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में माता श्री ज्वालाजी का मंदिर स्थित है। यहां ज्योति रूप में मां ज्वाला भक्तों को दर्शन देती हैं। मान्यता है कि ज्वालाजी में माता सती की जीभ गिरी थी, इससे यहां का नाम ज्वालाजी मंदिर पड़ा। मंदिर में होने वाले चमत्कारों को सुन अकबर सेना सहित य
बळ्यो सम्प रो बूंट राजपूत केवल एक जाति ही नहीं है बल्कि यह धैर्य, साहस, शौर्य, त्याग, सच्चरित्रता, स्वामिभक्ति एवं सुशासन का पर्याय भी है । कवियों ने इसे समाज व दीन-दुखियों के हितैषी के रूप में इंगित किया है - रण ख
हम कभी भी अपने इतिहास को नहीं भूल पाते हैं क्यूंकि इतिहास से जुडी काफी कुछ बाते हमारे दिमाग में रहती यहीं या फिर उसकी कोई तस्वीर हमारे साथ हमेशा रहा करती हैं जो की उस पल का अच्छे से एहसास दिला देती हैं ।लेकिन आज हम आप को देश की इतिहास से जुडी कुछ ऐसी तस्वीरें बताने जा रहे
‘जेम्स वोंग होवे’ एएससी(1899-1976) एक महान हॉलीवुड सिनेमेटोग्राफर थे । जेम्स वोंग होवे के118वें जन्मदिन को ‘गूगल’ ने एक डूडल के साथ मना कर चिन्हित किया है । वह एक चीनी अमेरिकी चलचित्रकारहैं जो नस्लीय प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद अपनी अभिनव तकनीक फिल्माने के लिए ख
तुष्टिकरण की पराकाष्टा : हिन्दुओ के बनाये ध्रुव स्तम्भ को कुतुब्दीन ऐबक का कुतबमीनार बता दिया गयादिल्ली में हिन्दुओ ने ध्रुव स्तम्भ बनायापर वामपंथी इतिहासकारो, और सेकुलरों ने इसे लूले और गुलाम कुतुब्दीन ऐबक का कुतुबमीनार बता दियाइसकी दीवारों पर अरबी में कलमा वलमा गुदवा दि
आपने बाहुबली फिल्म तो देखी होगी , लेकिन क्या आपको अंदाजा है भारत में एक महान हिन्दू सम्राट हुए है जिन्होंने पूरी जिन्दगी अरब आक्रान्ताओं से टक्कर ली और हिन्दू धर्म की रक्षा की ! इनके शासनकाल में ही भारत को सोने की चिड़िया बोला जाता था |सम्राट मिहिर भोज ने 836 ईस्वीं से 885
क्या 1 जनवरी के नववर्ष का इतिहास जानते हो...???नव वर्ष उत्सव 4000 वर्ष पहले से बेबीलोन में मनाया जाता था। लेकिन उस समय नए वर्ष का ये त्यौहार 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि (हिन्दुओं का नववर्ष ) भी मानी जाती थी। प्राचीन रोम में भी ये तिथि नव वर्षोत्स
🚩भारतवासी,1 जनवरी को #देश की आजादी के लिए #शहीद होने वाले अमर वीर गोकुल सिंह को भूल गए..!!!पर #गुलाम बनाने वाले #अंगेजों के #नववर्ष को याद रखे..!🚩1669 की क्रान्ति के जननायक, परतंत्र #भारत में असहयोग आन्दोलन के जन्मदाता, #राष्ट्रधर्म र
अपना उधार ले जाना!तेरी औकात पूछने वालो का जहां, सीरत पर ज़ीनत रखने वाले रहते जहाँ, अव्वल खूबसूरत होना तेरा गुनाह, उसपर पंखो को फड़फड़ाना क्यों चुना?अबकी आकर अपना उधार ले जाना!पत्थर को पिघलाती ज़ख्मी आहें,आँचल में बच्चो को सहलाती बाहें,तेरे दामन के दाग का हिसाब माँगती वो चलती-फिरती लाशें। किस हक़ से देखा
जुझारू संस्कृति का जनक गढ़ कुण्डार अशोक सूर्यवेदी नक्षत्रों में सूर्य सी आभा लिए जुझौती (आधुनिक बुंदेलखंड ) का प्राचीनतम और पवित्रतम दुर्ग, गढ़ कुंडार एक ऐतिहासिक महत्त्व का दुर्ग ही नही बल्कि राष्ट्र धर्म और जुझारू संस्कृति का जनक भी है!अपने एक सह्त्राब्दी के जीवन काल में इस गढ़ ने अनेकानेक राजनैति