तुष्टिकरण की पराकाष्टा : हिन्दुओ के बनाये ध्रुव स्तम्भ को कुतुब्दीन ऐबक का कुतबमीनार बता दिया गया
दिल्ली में हिन्दुओ ने ध्रुव स्तम्भ बनाया
पर वामपंथी इतिहास कारो, और सेकुलरों ने इसे लूले और गुलाम कुतुब्दीन ऐबक का कुतुबमीनार बता दिया
इसकी दीवारों पर अरबी में कलमा वलमा गुदवा दिया और हो गया ये कुतुबमीनार
पर कहते है न की चोर कोई न कोई सबूत छोड़ता ही है, अपराधी सबकुछ नहीं मिटा पता
वही हाल जिहादियों और वामपंथियों का हुआ है
आपको सबसे पहले बता दें की मोहम्मद ने जब इस्लाम बनाया तो उसने मदीना के बाद मक्का पर हमला किया
और वहां 360 मूर्तियां थी जिसमे से मोहम्मद और उसके लोगो ने 359 मूर्तियों को तोड़ दिया
इस्लाम का निर्माण ही मूर्तियां तोड़कर हुई थी
इस्लामी परंपरा में मूर्तियां हराम है, ऊपर से महिलाओं की मूर्तियां ये तो बड़ा जुर्म है
आप कोई भी मस्जिद देखें, मक्का में जो काबा है वही देख लें, कोई भी मूर्ति नहीं है, भारत में, अपने आसपास कोई भी मस्जिद देख लें
दिल्ली में जो हुमायूँ का मकबरा है, लाल किले में जो मस्जिद औरंगजेब ने बनवाई, जामा मस्जिद है
कोई भी इस्लामी मस्जिद या मीनार देख लें वहां 1 भी मूर्ति नहीं मिलेगी
क्यूंकि इस्लामी परंपरा में मूर्तियां हराम है
पर आपको आज भी क़ुतुब काम्प्लेक्स में अप्सराओं की मूर्तियां दिखाई देंगी वो भी साफ़ साफ़
और इन मूर्तियों ने बुर्खा भी नहीं पहना, वैसे मूर्तियां तो इस्लामी परंपरा में है ही नहीं, साफ़ होता है की ये पूरा काम्प्लेक्स मुसलमानो ने नहीं बनवाया
लम्बा सा ध्रुव स्तम्भ यहाँ पहले से मौजूद था, उसपर बस मुसलमानो ने कलमा और अन्य इस्लामी चीजें गुदवा दी
और ध्रुव स्तम्भ को वामपंथियों और सेकुलरों ने कुतुबमीनार बता दिया
ये मुर्तिया आपको मुसलमानो द्वारा बनवाई गयी नजर आ रही है ?
ये हिन्दू मूर्तियां है, जो भारत के लोग बनाते आये है, इस तरह की मूर्तियां आपको खुजराहो और अन्य जगहों पर भी दिखाई देंगी
बता दें की क़ुतुब काम्प्लेक्स जो आज है, उसमे 27 से अधिक जैन मंदिर, और 20 से अधिक हिन्दू मंदिर थे, जिन्हे मुसलमानो ने तोड़ दिया, पर वो इतने मजबूत बने थे की आज भी कई मूर्तियां मौजूद है, और लम्बा सा ध्रुव स्तम्भ उन्होंने नहीं तोडा उसकी दीवारों पर बस कलमा गुदवा दिया