आज अगर कोई कहे कि घर में पूजा है, तो ये माना जा सकता है कि “सत्यनारायण कथा” होने वाली है। ऐसा हमेशा से नहीं था। दो सौ साल पहले के दौर में घरों में होने वाली पूजा में सत्यनारायण कथा सुनाया जाना उतना आम नहीं था। हरि विनायक ने कभी 1890 के आस-पास स्कन्द पुराण में मौजूद इस संस्कृत कहानी का जिस रूप में अन
दुनिया के इतिहास में ऐसी-ऐसी घटनाएं हुई हैं कि बहुत से लोग प्रभावित हुए हैं और इसके बारे में हमें हमारे पूर्वजों से पता चला है। जिस तरह से भारत अंग्रेजों का गुलाम बन गया था वैसे ही दूसरे देशों के साथ भी बहुत कुछ हुआ है जिसके प्रमाण इतिहास में मिलते हैं। कुछ ऐसा ही 6 अ
प्रस्तावना - भारतीय क्रांतिकारी इतिहास प्रायः अनैतिक रूप से दो भागों में बाँट दिया गया जो कि उन सभी बलिदानियों के ऊपर आज़ाद भारतियों का कलंक है, जिसका हमें स्वयं ही अभाश नहीं हैं | तथाकथित स्वतंत्रता का राजनीतिकरण कर विद्यार्थियों व् देशवासिओं को त्याग,
संभाजी महाराज | ShambhaJi Maharaj in Hindi- भारत को वीरों की भूमि कहा जाता है क्योंकि यहां पर एक से बढ़कर एक वीर योद्धा जन्म लिए और बिना सिर छुकाए प्राणों की आहूति दे दी। उन्हीं वीर योद्धाओं में एक हैं छत्रपति Sambhaji Maharaj जिनका जीव
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*सनातन धर्म में चौरासी लाख योनियों का वर्णन मिलता है | देव , दानव , मानव , प्रेत , पितर , गन्धर्व , यक्ष , किन्नर , नाग आदि के अतिरिक्त भी जलचर , थलचर , नभचर आदि का वर्णन मिलता है | हमारे इतिहास - पुराणों में स्थान - स्थान पर इनका विस्तृत वर्णन भी है | आदिकाल से ही सनातन के अनुयायिओं के साथ ही सनातन
भारत के इतिहास में एक से बढ़कर एक वीर पुरुष हुए हैं लेकिन इन वीर पुरुषों मे कुछ ऐसी महिलाएं भी थीं जिन्होंने अपना बलिदान देश, पति और अपनी आबरू बचाने के लिए दे दी। ऐसी एक नहीं बल्कि कई रानियां हैं लेकिन यह
हूणों की उत्पत्ति के विषय में विभिन्न मत- शकृत,शबर,पोड्र,किरात,सिंहल,खस,द्रविड,पह्लव,चिंबुक, पुलिन्द, चीन , हूण,तथा केरल आदि जन-जातियों की काल्पनिक व्युत्पत्तियाँ- महाभारत ,वाल्मीकि रामायण तथा पुराणों के सन्दर्भों से उद्धृत करते हुए चीन के इतिहास से भी कुछ प्रकाशन किया है।यद्यपि ब्राह्मणों द्वारा
जगन्नाथ जी की रथ यात्रा *सनातन धर्म की व्यापकता का दर्शन हमारी मान्यताओं / पर्वों एवं त्यौहारों में किया जा सकता है | सनातन धर्म ने सदैव मानव मात्र को एक सूत्र में बाँधकर रखने के उद्देश्य से समय समय पर पर्व एवं त्यौहारों का विधान बनाया है | हमारे देश में होली , दीवाली, रक्षाबन्धन , जन्माष्टमी , श्र
इतिहास ज्वलंत हो जाएदेश का इतिहास ज्वलंत हो जाए,आतंकवाद का जब अंत हो जाए।मनाएं हम सब मिल कर खुशियां,फिर तो हर ऋतु बसंत हो जाए।
“कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली” ये कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी, कभी किसी पर तंज कसते हुए, तो कभी गोविंदा के गाने में. साफ़ शब्दों में कहा जाए तो हज़ारों बार आप ये कहावत आम बोलचाल में सुन चुके होंगे. कई बार इसका इस्तेमाल किसी छोटे व्यक्ति की बड़े व्यक्ति से तुलना के लिए किया जाता है. भले ही ये कहावत म
हम बहुत सालो से ग़ुलाम रहे है, हम भारतीयों पर अंग्रेज़ों ने राज किया है वो भी पूरे 200 साल तक. और आज जो हमारा देश दुनिया से पीछे छूट गया है उसका जो असली कारण है वो यही है. यदि हमारा देश ग़ुलाम नहीं हुंआ होता तो आज हमारा देश पूरी दुनिया से आगे निकल गया होता. पर वो दिन अब दूर नहीं है हमारा देश एक दिन
द्वितीय विश्व युद्ध की घटना पूरे विश्व के लिए एक बहुत ही भयानक घटना थी। छः साल चलने वाले इस युद्ध में लाखों लोग मारे गए। कई ऐसे लोग होते हैं जिन्हें इतिहास जानने में तो दिलचस्पी होती है पर इतिहास पढ़ने में नहीं। मगर इतिहास के इन्हीं पन्नों को तस्वीरों की मदद से उनके स
महाभारत विश्व का सबसे बड़ा धर्मग्रन्थ है | महाभारत में बहुत सी ऐसी घटनाये हैं जिसके बारे में बहुत कम लोगों को मालूम है | आज हम आपको ऐसी ही एक घटना के बारे में बताने जा रहे हैं | जैसा कि हम सभी जानते हैं द्रौपदी का विवाह पाँचों पांडवों से हुआ था और उन्होंने अपने दायित्वों और पतिव्रता धर्म का भली प्रक
Aaj ka itihas वर्ष/साल प्रमुख घटनाएं1165 पोप एलेक्जेंडर तृतीय निर्वासन के बाद रोम वापस लौटे।1744 ब्रिटिश प्रधानमंत्री जान कार्टरे ने इस्तीफा दिया।1848 अमेरिका के वोस्टन में महिला मेडिकल शैक्षणिक सोसाइटी का गठन।1857 कोलिन कैंपबेल ने लखनऊ में सिपाही विद्
Aaj ka itihas - Today History in Hindi - 22 November वर्ष/साल प्रमुख घटनाएं 2008 भारती क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने अपना पद छोड़ने की धमकी दी। हिन्दी के प्रख्यात कवि कुंवर नारायण
इतिहास की बात की जाये तो पूरे देश के इतिहास को यदि तराजू के एक तरफ रख दें और केवल मेवाड़ के ही इतिहास को दूसरी ओर रख दें, तो भी मेवाड़ का पलड़ा हमेशा भारी ही रहेगा | कभी गुलामी स्वीकार न करने वाले शूरवीर महाराणा प्रताप ने इतने संघर्षों के बाद अकबर को मेवाड़ से खदेड़ने पर मजबूर कर दिया था |न जाने मेव
इतिहास के पन्नो में 23 अक्टूबर यानि आज के दिन काफी महत्वपूर्ण घटनाएं दर्ज हुई है… आज के ही दिन तुलसीदास का निधन हुआ था.आइये जानते है 23 अक्टूबर के दिन की प्रमुख घटनाएं : 1623 - रामचरितमानस के रचयता एवं प्रसिद्ध कवि तुलसीदास का निधन।1764 - बक्सर की लड़ाई में आज ही के द
मैं तीर्थ नगरी 'प्रयागराज' हूँ ..हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, इसी पावन भूमि पर ब्रह्माजी ने सृष्टि का काम पूरा होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के 'प्र' और 'याग' अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम पड़ा 'प्रयाग'। इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं और वे