जयदीप शेखर
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रेखाचित्र, छायाचित्र, शब्दचित्र का एक शौकिया चितेरा
ग्वालियर से खजुराहो: एक साइकिल यात्रा
बात 1995 के फरवरी की है, जब मैंने ग्वालियर से खजुराहो तक की यात्रा साइकिल से की थी- अकेले। लौटते समय मैं ओरछा और दतिया भी गया था। कुल 8 दिनों में भ्रमण पूरा हुआ था और कुल-मिलाकर 564 किलोमीटर की यात्रा मैंने की थी। इसे एक तरह का सिरफिरापन, दुस्साहस
ग्वालियर से खजुराहो: एक साइकिल यात्रा
बात 1995 के फरवरी की है, जब मैंने ग्वालियर से खजुराहो तक की यात्रा साइकिल से की थी- अकेले। लौटते समय मैं ओरछा और दतिया भी गया था। कुल 8 दिनों में भ्रमण पूरा हुआ था और कुल-मिलाकर 564 किलोमीटर की यात्रा मैंने की थी। इसे एक तरह का सिरफिरापन, दुस्साहस
अपना-पराया
19 नवम्बर 2021
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2. पारूल प्रसंग
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अमला
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वापस ग्वालियर
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दतिया
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ग्वालियर (वायु सेना स्थल, महाराजपुर) 22 फरवरी' 95
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ओरछा (श्रीराम धर्मशाला) 20 फरवरी' 95 (रात्रि 9:00 बजे)
5 नवम्बर 2021
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नवगाँव (एवरेस्ट लॉज) 19 फरवरी'95 (रात्रि 8:15)
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बमीठा कस्बे से 4-5 किमी बाहर 19फरवरी' 95 (दिन 12:15बजे)
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खजुराहो 18 फरवरी' 95 (शाम 07:15 बजे)
5 नवम्बर 2021
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