"जिन्दगी"
हंसाती है जिंदगी रुलाती है जिंदगी।
हर मोड़ पर नए तरीके से जीना सिखाती है जिंदगी।
हर संबंध अब हकीकत से बहुत परे होता है।।
जो कल्पना से भी परे है वही सब दिखाती है जिंदगी।।
सच का अस्तित्व कुछ धुंधला सा दिखता है सब तरफ।
झूठ का वर्चश्व ही छाया है हर कहीं पर यही हर कदम पर समझाती है जिंदगी।।
वो भी क्या जमाना था जब हर कोई निस्वार्थ भाव से समर्पित था हर किसी के लिए ,
पर अब तो समय आ गया है की सच बोलने से भी घबराती है जिंदगी।।
सम्मान,समर्पण और फिक्र अब बोझ लगने लगे है ।
अब तो खुश भी वहीं है हर इंसान जहां गुलाम बनाती है जिंदगी।।
जिनकी खुशी के लिए खुद को न्योछावर कर देते हैं हम।
मेरी खुशी सिर्फ तुम हो ये कह कह हर बार रुलाती है जिंदगी।।
छल का कोई पार न रहा जमाने में वफा के नाम पर।
हर मोड़ पर सच को ही हराने में लगी है जिंदगी।।
हौसला जो खुद का वही ताकत है हमारी ।
किसका हमदर्द और हमराज़ बन कर ही हारी है जिंदगी।।
मेरी श्रद्धा में बसी हर एक की खुशी फिर जो कर्म किए है।
वो हाल में दोहराती है जिंदगी ।।
हर मोड़ पर एक नए तरीके से जीना सिखाती है जिंदगी।।
"जो जीवन है वही हर कदम पर नई सीख है"
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hansati hai jindagi rulati hai jindagi। har mod par naye tarike se jina sikhati hai jindagi। har sambandh ab hakikat se bahut pare hota hai।। jo kalpana se bhi pare hai vahi sab dikhati hai jindagi।। s
"जिन्दगी"हंसाती है जिंदगी रुलाती है जिंदगी।
हर मोड़ पर नए तरीके से जीना सिखाती है जिं