ना कोई ताला है ना कोई पिंजरा है तुम तो सिर्फ अपने मन में ही कैद हो ये जरूरी नहीं कि कि ऊंचे आकाश में पंख खोल उड़ जाओ पर कम से कम इतनी तो उन्मुक
मैं वो नहीं, शीशे मे हर कोई उतार ले।खुशियां तो मुझसे जितनी जी चाहे उधार ले।।...जिद से, न खामोशी से, जब हो कामना पूरी।तो एक बार प